केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
भारत में लापता बच्चों के गलत आंकड़ों को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री मेनका गांधी को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने मेनका गांधी के मंत्रालय पर पच्चीस हजार का जुर्माना लगाते हुए पूछा कि क्या संसद में गलत जानकारी पेश की गई है।
मेनका गांधी के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अदालत को बताया कि 2013 से करीब 25 हजार बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट है, लेकिन नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ ने बतौर याचिकाकर्ता कहा है कि श्रीमती गांधी ने कुछ दिन पहले संसद में एक लिखित जवाब दिया था कि इसी अवधि में 80 हजार बच्चों के लापता हुए हैं।
न्यायाधीश ने कहा है 'या तो हलफनामा फाइल करने वाले उपसचिव ने कोर्ट को गलत जानकारी दी है या फिर माननीय मंत्री ने राज्यसभा में गलत आंकड़े पेश किए हैं।' साथ ही सवालों के घरे में फंसे अफसर को जुर्माने की चेतावनी देते हुए कहा गया 'हमें नहीं लगता कि मंत्री जी ने संसद में गलत जानकारी दी होगी, वो तो आधिकारिक होनी चाहिए... तो फिर वह अधिकारी ही हो सकता है।'
मेनका गांधी के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने अदालत को बताया कि 2013 से करीब 25 हजार बच्चों के लापता होने की रिपोर्ट है, लेकिन नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के एनजीओ ने बतौर याचिकाकर्ता कहा है कि श्रीमती गांधी ने कुछ दिन पहले संसद में एक लिखित जवाब दिया था कि इसी अवधि में 80 हजार बच्चों के लापता हुए हैं।
न्यायाधीश ने कहा है 'या तो हलफनामा फाइल करने वाले उपसचिव ने कोर्ट को गलत जानकारी दी है या फिर माननीय मंत्री ने राज्यसभा में गलत आंकड़े पेश किए हैं।' साथ ही सवालों के घरे में फंसे अफसर को जुर्माने की चेतावनी देते हुए कहा गया 'हमें नहीं लगता कि मंत्री जी ने संसद में गलत जानकारी दी होगी, वो तो आधिकारिक होनी चाहिए... तो फिर वह अधिकारी ही हो सकता है।'
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