राजस्थान (Rajasthan) में जारी राजनीतिक दांव पेंच में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के नेतृत्व में विधानसभा सत्र बुलाने की मांग को लेकर राजभवन के सामने प्रदर्शन किया गया. जिसके बाद सवाल उठने लगे कि राज्यपाल पर दवाब बनाना कितना सही है? साथ ही राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर 6 सवाल उठाए थे. जिसमें यह भी कहा गया था कि विधानसभा सत्र के लिए कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान नहीं किया गया है.
जिसके बाद आनन-फानन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने आवास पर कैबिनेट की बैठक बुलाई, बैठक लगभग सवा दो घन्टे तक चली. इस बैठक में विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. साथ ही राज्यपाल की तरफ से उठाए गए 6 बिंदुओं के जवाब पर भी चर्चा की गयी. साथ ही फिर से राज्यपाल के पास प्रस्ताव भेजे जाने का भी फैसला लिया गया है.
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गौरतलब है कि राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra) ने कहा है कि संवैधानिक मर्यादा से ऊपर कोई नहीं है. 23 जुलाई को सरकार ने रात को अल्प नोटिस के सत्र आहूत करने की पत्रावली पेश की थी. राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं कि सभी विधायकों की स्वतंत्रता एवं उनका स्वतंत्र आवागमन भी सुनिश्चित किया जाए. राज्य सरकार के पास अगर बहुमत है तो विश्वासमत प्राप्त करने हेतु सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है. फिर कुछ विधायकों की निर्योग्यता का प्रकरण माननीय उच्च न्यायालय और माननीय सर्वोच्च न्यायालय में भी विचाराधीन है उनका संज्ञान भी लिए जाने के निर्देश राज्य सरकार को दिए गए हैं. राज्यपाल ने अशोक गहलोत सरकार से विधानसभा सत्र से जुड़े 6 सवाल पूछे हैं.
VIDEO: खबरों की खबर : सत्र बुलाने की मांग पर अड़े गहलोत
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