उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की परवाह किए बिना लोगों को रंगदारी की धमकियां देकर अगवा करने वाले गैंगस्टर अब अदालत की सजा के बाद अपनी पैंट गीला कर रहे हैं.
यूपी के गोरखपुर में एक बॉटलिंग प्लांट के 'भूमि पूजन' के बाद एक सभा को संबोधित करते हुए, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि "लोग अब देख रहे हैं कि जो लोग पहले कानून व्यवस्था को चुनौती देते थे, वे अब अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं. जब अदालत ने उन्हें सजा सुनाई, तो उनकी गीली पैंट दिखाई दे रही थी. लोग इसे देख रहे हैं. माफिया लोगों को आतंकित करते थे, उद्योगपतियों को जबरन वसूली की धमकी देते थे, व्यवसायियों का अपहरण करते थे. लेकिन आज वे डरे हुए हैं और अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं."
CM योगी की यह टिप्पणी एक सांसद/विधायक अदालत द्वारा गैंगस्टर-राजनेता अतीक अहमद और दो अन्य को 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में दोषी ठहराए जाने और आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने के कुछ दिनों बाद आई है. यह अहमद की पहली सजा थी, हालांकि उसके खिलाफ 100 से अधिक मामले दर्ज किए गए हैं.
समाजवादी पार्टी के 60 वर्षीय पूर्व सांसद को प्रयागराज में मामले की सुनवाई के लिए गुजरात की साबरमती जेल से सड़क मार्ग से लाया गया था. जेल से निकलने से पहले अहमद ने कहा कि उन्हें डर है कि उनकी हत्या की जा सकती है. लंबी यात्रा के दौरान, अहमद के वाहन को मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में रोक दिया गया ताकि वह शौच कर सके. वहां, पत्रकारों द्वारा उनसे पूछा गया कि क्या वह डरते हैं, जिस पर उन्होंने कहा, "काहे का डर" (क्या डर).
जनवरी 2005 में बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल की प्रयागराज में दिनदहाड़े हत्या के बाद उत्तर प्रदेश प्रशासन ने उसके मददगारों और गिरोह के सदस्यों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था. इस निर्मम आपराधिक कृत्य के बाद आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा में कसम खाई थी कि वह माफिया का सफाया कर देंगे.
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