मल्लिकार्जुन खरगे के कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण पर सोनिया गांधी ने आज कहा कि उन्हें "राहत" महसूस हुई है, इस पद पर उन्होंने लगभग 23 वर्षों तक कार्य किया है. सोनिया गांधी ने कहा, "मैंने अपनी पूरी क्षमता से अपना कर्तव्य निभाया. आज, मैं इस जिम्मेदारी से मुक्त हो जाऊंगा. मेरे कंधे से एक भार उतर गया है. मुझे राहत की अनुभूति हो रही है." उन्होंने कहा, "यह एक बड़ी जिम्मेदारी थी, अब जिम्मेदारी मल्लिकार्जुन खरगे पर है."
सोनिया गांधी ने आगे कहा कि आज सबसे बड़ी चुनौती देश में लोकतांत्रिक मूल्यों का संकट है. मुझे विश्वास है कि खरगे से पूरी पार्टी को प्रेरणा मिलेगी और उनके नेतृत्व में कांग्रेस लगातार मजबूत होगी. कांग्रेस नेताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, कांग्रेस के सामने कई चुनौतियां हैं. चुनौती यह है कि हम इसका सामना कैसे करते हैं. पूरी ताकत, एकता के साथ हमें आगे बढ़ना है और सफल होना है.
बता दें 137 साल पुरानी पार्टी का नेतृत्व करने वाले खरगे पिछले 24 साल में पहले गैर-गांधी अध्यक्ष हैं. लंबे समय तक सोनिया गांधी प्रमुख रहीं हैं. 80 वर्षीय खरगे ने पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में अपने 66 वर्षीय प्रतिद्वंद्वी शशि थरूर को 84 प्रतिशत से अधिक मतों से हराया था. खरगे को 9,385 में से 7,897 प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रतिनिधि वोट मिले, जबकि थरूर को 1072 वोट मिले थे.
खरगे राज्यसभा में विपक्ष के नेता थे, उन्होंने कांग्रेस में शीर्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के तुरंत बाद इससे इस्तीफा दे दिया था. वह उससे पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता थे. वह लगभग एक दशक तक केंद्रीय मंत्री रहे हैं. खरगे कर्नाटक में नौ बार विधायक भी रहे हैं, लेकिन वे राज्य के मुख्यमंत्री नहीं बन सके. वह एक विनम्र दलित परिवार से ताल्लुक रखते हैं और जमीनी स्तर से पार्टी में शीर्ष स्थान पर पहुंचे हैं.
Video : सोनिया गांधी ने खड़गे को सौंपी कांग्रेस अध्यक्ष पद की कमान
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