लद्दाख को राज्य का दर्जा दिए जाने तथा उसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर यहां एक अनशन का नेतृत्व कर रहे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लोगों से किए वादे पूरा करने की अपील की.
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किए एक वीडियो में कमजोर दिख रहे वांगचुक ने लद्दाख के लोगों से राष्ट्र हित में इस बार ‘‘बहुत सावधानीपूर्वक'' अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने का आह्वान किया. उनके अनशन को मंगलवार को 21वां दिन हो गया.
21st Day OF MY #CLIMATEFAST
— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) March 26, 2024
350 people slept in - 10 °C. 5000 people in the day here.
But still not a word from the government.
We need statesmen of integrity, farsightedness & wisdom in this country & not just shortsighted characterless politicians. And I very much hope that… pic.twitter.com/X06OmiG2ZG
प्रख्यात शिक्षा सुधारक वांगचुक लेह में स्थित एपेक्स बॉडी और करगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के संयुक्त प्रतिनिधियों के बीच बातचीत के एक दिन बाद छह मार्च से शून्य से नीचे के तापमान पर ‘जलवायु अनशन' कर रहे हैं. ये दोनों संगठन लद्दाख को राज्य का दर्जा देने तथा उसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलन का संयुक्त रूप से नेतृत्व कर रहे हैं.
‘जलवायु उपवास' आज दिन में समाप्त हो सकता है क्योंकि एपेक्स बॉडी और केडीए बुधवार को आगे की कार्रवाई की घोषणा करेंगे.
प्रधानमंत्री को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा उसके चुनाव घोषणापत्र में किए वादों की याद दिलाते हुए वांगचुक ने कहा कि मोदी भगवान राम के भक्त हैं और उन्हें ‘प्राण जाए पर वचन ना जाए' की उनकी सीख का पालन करना चाहिए.
बॉलीवुड की ब्लॉक बस्टर फिल्म ‘‘3 इंडियट्स' में आमिर खान का किरदार रैंचो, वांगचुक के जीवन से प्रेरित है. उन्होंने कहा, ‘‘भारत लोकतंत्र की जननी है और हम नागरिकों के पास एक बहुत विशेष शक्ति है. हम निर्णायक भूमिका में हैं, हम किसी भी सरकार को उसके तौर तरीके बदलने के लिए विवश कर सकते हैं या काम न करने पर सरकार बदल सकते हैं. राष्ट्र हित में इस बार बहुत सावधानीपूर्वक अपने मताधिकार का इस्तेमाल करना याद रखना.''
वांगचुक ने कहा कि पिछले 20 दिनों में लद्दाख के तीन लाख निवासियों में से करीब 60,000 लोग इस अनशन में शामिल हुए हैं लेकिन ‘‘इस सरकार ने एक शब्द नहीं कहा.''
उन्होंने कहा, 'हम लद्दाख में हिमालयी पहाड़ों के नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र और यहां की अद्वितीय स्वदेशी जनजातीय संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की चेतना को जगाने का प्रयास कर रहे हैं.''
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं