फाइल फोटो
नई दिल्ली:
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को पुणे स्थित फिल्म एंड टीवी इंस्टीट्यूट (एफटीटीआई) के मामले में ज्ञापन सौंपा। राहुल ने कहा कि गजेंद्र चौहान के पास इस संस्थान का अध्यक्ष बनने की काबिलियत नहीं है।
राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) देश की शिक्षा व्यवस्था को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है।
राहुल ने कहा, '(राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान) मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारत के पास सबसे शक्तिशाली चीज उसकी कला, संस्कृति, फिल्मों की पहचान है। और, यह रचनात्मकता एफटीटीआई जैसे संस्थानों और महाराष्ट्र-दिल्ली में मौजूद विश्वविद्यालयों की देन है।'
राहुल ने कहा, 'इस रचनात्मकता को आरएसएस की देश की शिक्षा व्यवस्था को संचालित करने की इच्छा कुचल रही है।' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति से हुई बातचीत का ब्यौरा नहीं दिया।
राहुल ने कहा, 'इस संस्थान (एफटीटीआई) के लड़के-लड़कियां देश की आत्मा के लिए लड़ रहे हैं। ये सभी अपनी काबिलियत के बल पर इस संस्थान तक पहुंचे हैं। लेकिन, इनके ऊपर जिन्हें बिठाया गया है, उनमें काबिलियत नहीं है।'
राहुल ने कहा, 'इन लोगों में वह योग्यता नहीं है कि इन लड़के-लड़कियों के ऊपर इन्हें बिठाया जाए। इनकी सिर्फ एक योगयता है और वह है प्रधानमंत्री, बीजेपी की तारीफ करना और आरएसएस की विचारधारा में यकीन रखना।'
एफटीटीआई के छात्र अभिनेता और बीजेपी नेता गजेंद्र चौहान को संस्थान का चेयरमैन बनाए जाने का बीते दो माह से विरोध कर रहे हैं। वे संस्थान में कुछ अन्य नियुक्तियों का भी विरोध कर रहे हैं।
राष्ट्रपति से मिलने के बाद राहुल ने संवाददाताओं से कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) देश की शिक्षा व्यवस्था को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है।
राहुल ने कहा, '(राष्ट्रपति से मुलाकात के दौरान) मणिशंकर अय्यर ने कहा कि भारत के पास सबसे शक्तिशाली चीज उसकी कला, संस्कृति, फिल्मों की पहचान है। और, यह रचनात्मकता एफटीटीआई जैसे संस्थानों और महाराष्ट्र-दिल्ली में मौजूद विश्वविद्यालयों की देन है।'
राहुल ने कहा, 'इस रचनात्मकता को आरएसएस की देश की शिक्षा व्यवस्था को संचालित करने की इच्छा कुचल रही है।' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा गया है, लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति से हुई बातचीत का ब्यौरा नहीं दिया।
राहुल ने कहा, 'इस संस्थान (एफटीटीआई) के लड़के-लड़कियां देश की आत्मा के लिए लड़ रहे हैं। ये सभी अपनी काबिलियत के बल पर इस संस्थान तक पहुंचे हैं। लेकिन, इनके ऊपर जिन्हें बिठाया गया है, उनमें काबिलियत नहीं है।'
राहुल ने कहा, 'इन लोगों में वह योग्यता नहीं है कि इन लड़के-लड़कियों के ऊपर इन्हें बिठाया जाए। इनकी सिर्फ एक योगयता है और वह है प्रधानमंत्री, बीजेपी की तारीफ करना और आरएसएस की विचारधारा में यकीन रखना।'
एफटीटीआई के छात्र अभिनेता और बीजेपी नेता गजेंद्र चौहान को संस्थान का चेयरमैन बनाए जाने का बीते दो माह से विरोध कर रहे हैं। वे संस्थान में कुछ अन्य नियुक्तियों का भी विरोध कर रहे हैं।
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