नई दिल्ली:
चार दिन पूर्व राष्ट्रीय राजधानी में चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई युवती के पुरुष मित्र ने गुरुवार को तिहाड़ जेल में हुई शिनाख्त परेड के दौरान आरोपियों में से एक को पहचाना।
आरोपियों ने युवती के पुरुष मित्र की भी पिटाई की थी। उसने बस के चालक-सह-क्लीनर तथा सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों में से एक राम सिंह के भाई मुकेश (28) की पहचान दुष्कर्मी के रूप में की।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "युवक ने मुकेश की पहचान दुष्कर्मियों में से एक के रूप में की और पुलिस को बताया कि वह दुष्कर्म करने और उसे तथा उसकी दोस्त की बेरहमी से पिटाई करने वालों में से एक है।"
बुधवार को साकेत अदालत के समक्ष जुर्म कबूल करने के बाद मुकेश शिनाख्त परेड के लिए राजी हो गया था। अदालत ने शिनाख्त परेड गुरुवार को होना तय किया था।
पुलिस ने बुधवार को मुकेश, एक सहायक जिम प्रशिक्षक विनय शर्मा (20) और फल विक्रेता पवन गुप्ता (19) को साकेत अदालत में पेश किया था।
शर्मा ने अदालत से कहा कि उसने दुष्कर्म पीड़िता के मित्र की पिटाई की थी, लेकिन उसने युवती के साथ कुछ नहीं किया और महानगर दंडाधिकारी संदीप गर्ग से कहा, "मुझे फांसी दे दीजिए!"
उसने कहा, "मैंने भयानक अपराध किया है। मैंने लड़के की पिटाई की। मुझे फांसी दे दी जाए।"
महानगर दंडाधिकारी नम्रिता अग्रवाल ने गुप्ता और शर्मा को चार दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था और मुकेश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
गुप्ता ने अदालत से कहा कि वह शिनाख्त परेड से गुजरना नहीं चाहता, क्योंकि उसने एक भयानक अपराध किया है।
बस चालक राम सिंह को मंगलवार को 23 दिसम्बर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। उसने भी शिनाख्त परेड में शामिल होने से इंकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि रविवार रात लगभग 9.30 बजे 23 वर्षीया पैरा-मेडिकल छात्रा अपने एक पुरुष मित्र के साथ दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक निजी बस में सवार हुई थी। बस में केवल छह लोग मौजूद थे, जिन्होंने छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की और महिपालपुर में दोनों को बस से फेंक दिया।
पुलिस ने छह में से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दो फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
पीड़िता फीजियोथेरेपी की छात्रा है। वह उत्तर प्रदेश के बलिया की रहने वाली है। वह नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में वेंटिलेटर पर है और जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
आरोपियों ने युवती के पुरुष मित्र की भी पिटाई की थी। उसने बस के चालक-सह-क्लीनर तथा सामूहिक दुष्कर्म मामले के आरोपियों में से एक राम सिंह के भाई मुकेश (28) की पहचान दुष्कर्मी के रूप में की।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "युवक ने मुकेश की पहचान दुष्कर्मियों में से एक के रूप में की और पुलिस को बताया कि वह दुष्कर्म करने और उसे तथा उसकी दोस्त की बेरहमी से पिटाई करने वालों में से एक है।"
बुधवार को साकेत अदालत के समक्ष जुर्म कबूल करने के बाद मुकेश शिनाख्त परेड के लिए राजी हो गया था। अदालत ने शिनाख्त परेड गुरुवार को होना तय किया था।
पुलिस ने बुधवार को मुकेश, एक सहायक जिम प्रशिक्षक विनय शर्मा (20) और फल विक्रेता पवन गुप्ता (19) को साकेत अदालत में पेश किया था।
शर्मा ने अदालत से कहा कि उसने दुष्कर्म पीड़िता के मित्र की पिटाई की थी, लेकिन उसने युवती के साथ कुछ नहीं किया और महानगर दंडाधिकारी संदीप गर्ग से कहा, "मुझे फांसी दे दीजिए!"
उसने कहा, "मैंने भयानक अपराध किया है। मैंने लड़के की पिटाई की। मुझे फांसी दे दी जाए।"
महानगर दंडाधिकारी नम्रिता अग्रवाल ने गुप्ता और शर्मा को चार दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया था और मुकेश को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था।
गुप्ता ने अदालत से कहा कि वह शिनाख्त परेड से गुजरना नहीं चाहता, क्योंकि उसने एक भयानक अपराध किया है।
बस चालक राम सिंह को मंगलवार को 23 दिसम्बर तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था। उसने भी शिनाख्त परेड में शामिल होने से इंकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि रविवार रात लगभग 9.30 बजे 23 वर्षीया पैरा-मेडिकल छात्रा अपने एक पुरुष मित्र के साथ दक्षिणी दिल्ली के मुनीरका में एक निजी बस में सवार हुई थी। बस में केवल छह लोग मौजूद थे, जिन्होंने छेड़छाड़ का विरोध करने पर उसे और उसके मित्र की बुरी तरह पिटाई की और महिपालपुर में दोनों को बस से फेंक दिया।
पुलिस ने छह में से चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दो फरार आरोपियों की तलाश जारी है।
पीड़िता फीजियोथेरेपी की छात्रा है। वह उत्तर प्रदेश के बलिया की रहने वाली है। वह नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में वेंटिलेटर पर है और जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
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