फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्रांस में पढ़ने जाने वाले भारतीय छात्रों को बड़ा तोहफा दिया है. अब फ्रांस में पढ़ने जाने वाले छात्रों के लिए फ्रेंच भाषा का आना जरूरी नहीं होगा. हालांकि, ये अभी तक पूरी तरह से लागू नहीं किया गया है और इसे लेकर अभी भी कई चीजें तय करनी बची हैं. गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हो रहे फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि हम ये सुनिश्चित करने की हर संभव कोशिश करेंगे कि आने वाले समय में ज्यादा से ज्यादा भारतीय पढ़ाई के लिए फ्रांस आ सके. 2030 तक हमारा लक्ष्य है कि 30 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र फ्रांस में पढ़ाई करने आ सकें. इसके लिए नियमों में बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है.
'2030 तक 30 हजार छात्रों का है लक्ष्य'
राष्ट्रपति मैक्रों ने अपने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कई अहम उठाए जाने की भी बात की. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि हम चाहते हैं कि 2030 तक 30 हजार से ज्यादा भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई के लिए फ्रांस को अपनी पहली पसंद बनाएं. हम इसके लिए कुछ अहम नियमों में बदलाव पर भी विचार कर रहे हैं.
30,000 Indian students in France in 2030.
— Emmanuel Macron (@EmmanuelMacron) January 26, 2024
It's a very ambitious target, but I am determined to make it happen.
Here's how: pic.twitter.com/QDpOl4ujWb
'फ्रेंच भाषा सीखाने पर रहेगा जोर'
फ्रांस कैसे छात्रों की सहायता करेगा, इस पर विस्तार से बताते हुए राष्ट्रपति मैक्रों ने कहा कि जो छात्र फ्रेंच नहीं बोलते उन्हें वहां के विश्वविद्यालयों में पढ़ने की अनुमति देने के लिए अंतरराष्ट्रीय कक्षाएं स्थापित की जाएंगी. मैक्रों ने कहा कि हम फ्रेंच सीखने के लिए नए केंद्रों के साथ अलायंस फ्रैंचाइज़ का नेटवर्क विकसित कर रहे हैं. हम अंतरराष्ट्रीय कक्षाएं बना रहे हैं जो उन छात्रों को हमारे विश्वविद्यालयों में शामिल होने की अनुमति देगी. और इसके लिए जरूरी नहीं है कि वो फ्रेंच बोलते हों. उन्होंने आखिर में कहा कि हम फ्रांस में पढ़ने वाले किसी भी पूर्व भारतीय छात्र के लिए वीज़ा प्रक्रिया को भी और सुविधाजनक बनाएंगे.
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