फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों शुक्रवार शाम को दिल्ली में निजामुद्दीन औलिया की दरगाह पर पहुंचे. इमैनुएल मैक्रों दिल्ली के कर्तव्य पथ पर हुए 75वें गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि थे. उन्होंने कहा कि वह देश में सूफी संस्कृति के 700 वर्ष पुराने केंद्र में रात पौने दस पहुंचे और आधे घंटे से अधिक समय तक वहां पर रहे.
बता दें कि यह दरगाह प्रसिद्ध सूफी संत निजामुद्दीन औलिया और उनके शिष्य अमीर खुसरो की कब्र है. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इससे पहले राष्ट्रपति भवन में अपने फ्रांसीसी समकक्ष मैक्रों का स्वागत किया और उनके सम्मान में भोज का आयोजन किया.
शुक्रवार को फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों भारत के 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर कर्तव्य पथ पर देश की आन, बान और शान को प्रदर्शित करने वाली परेड के साक्षी बने और इसी के साथ वह ऐसे वैश्विक नेताओं के समूह में शामिल हो गए हैं जिन्होंने पिछले सात दशकों में देश के सबसे बड़े राष्ट्रीय पर्व में शिरकत की है.
मैक्रों समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए. उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों, विदेशी राजनयिकों और गणमान्य व्यक्तियों के साथ भव्य सैन्य परेड और सांस्कृतिक झांकियां देखीं. यह छठी बार है जब फ्रांस के किसी नेता को गणतंत्र दिवस परेड में बतौर मुख्य अतिथि आमंत्रित किया गया है.
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