पूर्व CM चंपई सोरेन ने JMM से दिया इस्तीफा, कहा- संघर्ष जारी रहेगा. चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी देते हुए लिखा कि आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्याग-पत्र दिया. उन्होंने लिखा है- झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा.
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आज झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता एवं सभी पदों से त्याग-पत्र दिया।
— Champai Soren (@ChampaiSoren) August 28, 2024
झारखंड के आदिवासियों, मूलवासियों, दलितों, पिछड़ों एवं आम लोगों के मुद्दों को लेकर हमारा संघर्ष जारी रहेगा। pic.twitter.com/ZpAmm2dopr
चंपई सोरेन ने एक पत्र भी लिखा है. पत्र में उन्होंने लिखा है- झामुमो की कार्यशैली एवं नीतियों से हताश होकर पार्टी छोड़ने को विवश हूं. उन्होंने लिखा है- आज पार्टी अपने सिद्धांतों से अलग हो चुकी है. झामुमो मेरे लिए परिवार जैसा रहा है,
मैंने कभी सपने में सोचा नहीं था कि मैं पार्टी से अलग होऊंगा. शिबू सोरेन को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा है- आप वर्तमान में राजनीति से दूर हैं. आपके अलावा पार्टी में कोई और नहीं है,, जहां अपने मन की पीड़ा को बता सकें.
झारखंड के पूर्व CM चंपई सोरेन 30 अगस्त को BJP में शामिल होंगे. यह ऐलान असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने किया है. इस ऐलान से झारखंड की राजनीति में खलबली मचनी थी, सो मच गई. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने एक्स पर पोस्ट कर कंफर्म किया है कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन 30 अगस्त को रांची में भाजपा में शामिल होंगे. इसके साथ ही निशिकांत दुबे ने लिखा है कि झामुमो का पूरा सूपड़ा साफ हो गया. आंदोलन से बनी झामुमो अब केवल दलालों की गिरफ्त में है. प्रेम, अमित, अविनाश, राजीव, मिथलेश ने पेट में घुसकर झामुमो को समाप्त कर दिया. विनोद बिहारी, सूरज मंडल, सायमन, शैलेंद्र महतो के बाद यह आखिरी कील है.
Former Chief Minister of Jharkhand and a distinguished Adivasi leader of our country, @ChampaiSoren Ji met Hon'ble Union Home Minister @AmitShah Ji a short while ago. He will officially join the @BJP4India on 30th August in Ranchi. pic.twitter.com/OOAhpgrvmu
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 26, 2024
झारखंड की राजनीति के जानकारों का कहना है कि सोरेन के बीजेपी में आने से आदिवासी वोटों में पार्टी की सेंध तो लगेगी. लेकिन इसके साथ राज्य ईकाई में खेमेबाजी बढ़ने से इनकार नहीं किया जा सकता है.चंपई सोरेन के आने से बीजेपी के कई नेता अपने स्थान को लेकर चिंतित हैं.पार्टी पहले से ही खेमेबाजी से परेशान है. इसका ही असर था कि बीजेपी लोकसभा चुनाव में आदिवासियों के लिए आरक्षित कोई भी सीट नहीं जीत पाई.
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