
- हर्षवर्धन श्रृंगला ने US राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा PM मोदी की प्रशंसा को भारत-अमेरिका संबंधों की मजबूती माना.
- उन्होंने कहा कि मोदी और ट्रंप की व्यक्तिगत दोस्ती टैरिफ विवादों को सुलझाने में मददगार साबित हो सकती है.
- हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप कार्यक्रमों ने दोनों नेताओं के बीच रिश्ते को प्रगाढ़ करने में अहम भूमिका निभाई है.
पूर्व राजनयिक और राज्यसभा सांसद हर्षवर्धन श्रृंगला ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘ग्रेट प्राइम मिनिस्टर' कहे जाने की सराहना की है. श्रृंगला ने इस बात पर सहमति जताई कि पीएम मोदी और ट्रंप की व्यक्तिगत दोस्ती भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, खासकर टैरिफ विवादों को सुलझाने में. उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच का यह रिश्ता, हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप जैसे आयोजनों से और प्रगाढ़ हुआ है. मालूम हो कि अमेरिका में हाउडी मोदी प्रोग्राम के आयोजकों में हर्षवर्धन की भूमिका अहम थी.
न्यूज एजेंसी के साथ एक साक्षात्कार में, उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा में की गई हालिया टिप्पणियों, प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ भारत के संबंधों और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय मोर्चे पर भारत की छवि के बारे में भी बात की. उन्होंने यह भी कहा कि भारत सभी देशों के साथ स्वतंत्र संबंध रखता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मित्रता दोनों देशों के बीच टैरिफ वार्ता को सुलझाने में मदद कर सकती है.
सवाल: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करते हुए उन्हें महान प्रधानमंत्री कहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसके लिए ट्रंप का धन्यवाद भी किया है. इस पर आपकी क्या राय है?
जवाब: मैंने हमेशा कहा है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच संबंध बहुत अच्छे और मजबूत हैं. यह लंबे समय से स्थापित है. ह्यूस्टन में हुए 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम को याद कीजिए, जिसमें 50,000 भारतीय-अमेरिकी शामिल हुए थे. बाद में, जब राष्ट्रपति ट्रंप भारत आए, तो अहमदाबाद में 'नमस्ते ट्रंप' नामक एक विशाल कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जहां लगभग 1 लाख लोग अमेरिकी राष्ट्रपति का स्वागत करने पहुंचे थे. दोनों ही आयोजनों ने इस रिश्ते की मज़बूती को उजागर किया. टैरिफ तनाव के बीच भी, ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी को एक महान प्रधानमंत्री बताया और उन्हें एक मित्र कहकर संबोधित किया.
टैरिफ मुद्दे पर चाहे जो भी हुआ हो, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच व्यक्तिगत संबंध नहीं बदले हैं. भविष्य में टैरिफ वार्ता में इन मुद्दों से सकारात्मक तरीके से निपटने का रास्ता खोजने के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण होगा.
सवाल: आपको क्या लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी की वैश्विक प्रतिष्ठा ने दुनिया के सामने भारत की स्थिति को कैसे प्रभावित किया है?
जवाब: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक स्थिति और वर्तमान प्रतिष्ठा ऐसी है कि जी7, ब्रिक्स या एससीओ जैसे मंचों पर उनकी उपस्थिति अनिवार्य है. हर उच्च-स्तरीय सम्मेलन या बैठक में, प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति और उनके सुझावों को वैश्विक स्तर पर बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. वैश्विक अस्थिरता के इस दौर में, वे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत की भावनाओं को बहुत ही सटीक ढंग से प्रस्तुत करते हैं.
प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व दुनिया, खासकर ग्लोबल साउथ के लिए एक मिसाल है, जहां हम जिस 'आत्मनिर्भर' दृष्टिकोण का अनुसरण कर रहे हैं और भारत ने जो प्रगति की है, चाहे वह इंटरनेट-आधारित समाधान हो या प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण से लेकर डिजिटल भुगतान तक.
प्रधानमंत्री मोदी की स्थिति 'विश्वामित्र' जैसी है और उनके नेतृत्व में हम 'विश्वबंधु' के दृष्टिकोण का पालन करते हैं.
सवाल: क्या आपको लगता है कि यह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत है कि अमेरिका, चीन और रूस सभी मजबूत संबंध बनाए रखना चाहते हैं?
जवाब: रूस, चीन और अमेरिका सहित सभी देशों के साथ हमारे संबंध अद्वितीय हैं, और हम समय के साथ मौजूदा संबंधों को और मजबूत और मजबूत बनाना चाहते हैं, बिना किसी समस्या के उन पर कोई असर डाले. जहां तक अमेरिका का सवाल है, तकनीक से लेकर रक्षा सहयोग तक, कई क्षेत्रों में हमारे उनके साथ अच्छे संबंध हैं. इसके अलावा, भारत की मानवीय प्रतिभा भी अमेरिका के लिए बहुत लाभदायक है. भारतीय-अमेरिकी नागरिक अमेरिका की प्रगति में योगदान देने वाले अग्रणी समुदायों में से एक हैं.
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