
- पूर्व पुलिस कमिश्नर जूलियो रिबेरो ने अजित पवार को आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा को धमकाने पर फटकार लगाई.
- रिबेरो ने कहा कि अंजना कृष्णा केवल सरकार द्वारा बनाए गए कानूनों का पालन कर रही थीं और उन्हें बदला जाना चाहिए.
- विवाद तब शुरू हुआ जब अजित पवार और अंजना कृष्णा के बीच फोन पर हुई तीखी बहस का वीडियो वायरल हुआ था.
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और पंजाब के पूर्व डीजीपी जूलियो रिबेरो ने आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा को धमकाने के मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार को खरी-खोटी सुनाई है. रिबेरो महाराष्ट्र के पूर्व डीजीपी डी शिवानंदन की किताब द ब्रह्मास्त्र अनलीश्ड के लोकार्पण के मौके पर बोल रहे थे.
'यह सभी मंत्रियों के लिए एक सबक है'
रिबेरो ने कहा कि यह मामला महाराष्ट्र के सभी मंत्रियों और मुख्यमंत्री के लिए एक सबक है. उन्होंने स्पष्ट किया कि आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा केवल उन्हीं कानूनों का पालन कर रही थीं, जिन्हें सरकार ने खुद बनाया है. रिबेरो ने कहा, "अगर आपको कानून पसंद नहीं हैं, तो उन्हें बदल दें."
जूलियो रिबेरो को 'सुपर कॉप' के रूप में जाना जाता है, क्योंकि उन्होंने पंजाब में डीजीपी रहते हुए खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ एक आक्रामक अभियान चलाया था.
कहां से शुरू हुआ विवाद?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार और आईपीएस अधिकारी अंजना कृष्णा के बीच फोन पर हुई तीखी बहस रिकॉर्ड थी. वीडियो में, अजित पवार अधिकारी को धमकाते हुए सुने जा सकते हैं. यह घटना महाराष्ट्र के सोलापुर में हुई थी. वीडियो में, अजित पवार ने अधिकारी से कहा, "मैं डिप्टी चीफ मिनिस्टर बोल रहा हूं, एक्शन रोको. तुम पर एक्शन लूं क्या? इतनी हिम्मत है तुममें?" दरअसल, इस बहस का मुख्य कारण यह था कि अंजना कृष्णा ने फोन पर अजित पवार को नहीं पहचाना था, जिससे वे गुस्सा हो गए और उन्होंने अधिकारी को फटकार लगा दी.
कौन हैं अंजना कृष्णा
अंजना कृष्णा, 2022-23 बैच की आईपीएस अधिकारी, वर्तमान में सोलापुर के करमाला में पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) के पद पर तैनात हैं. उनकी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा की चर्चा महाराष्ट्र में हो रही है. इस घटना के बाद जहां एक विपक्षी दल, खासकर शिवसेना (उद्धव गुट), ने अजित पवार पर खनन माफिया को संरक्षण देने का आरोप लगाया, वहीं शिवसेना नेता संजय राउत ने पवार पर निशाना साधते हुए उनकी अनुशासनहीनता पर सवाल उठाए. अब मिटकरी द्वारा यूपीएससी से आईपीएस अधिकारी के दस्तावेजों की जांच की मांग से राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है.
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