विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि रूस के साथ भारत का 60 साल पुराना रिश्ता (S jaishankar On India Russia Relation) है और यह कहना सही नहीं है कि यह रिश्ता नयी दिल्ली के लिए बाधा है. जयशंकर की एक प्रौद्योगिकी सम्मेलन में यह टिप्पणी यूक्रेन में युद्ध के बावजूद मजबूत भारत-रूस संबंधों के कारण पश्चिमी शक्तियों के बीच बढ़ती बेचैनी की पृष्ठभूमि में आई है. उन्होंने कहा, ‘‘ रूस के साथ हमारा रिश्ता है और यह रिश्ता एक पल, एक दिन, एक महीने या एक साल में बना रिश्ता नहीं है, यह लगभग 60 वर्षों का संचित संबंध है.''
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एस जयशंकर ने कहा, ‘‘अक्सर मैं देखता हूं कि एक समस्या को इस तरह से परिभाषित किया जाता है जैसे कि इस संबंध के कारण भारत में कहीं न कहीं कोई बाधा है.''उन्होंने कहा कि इस रिश्ते ने हमें कई बार बचाया है. विदेश मंत्री जयशंकर ने दोनों पक्षों के संबंध के ऐतिहासिक पहलुओं का भी जिक्र किया. वैश्विक प्रौद्योगिकी शिखर सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘‘डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और वितरण के प्रयासों को प्रधानमंत्री प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण कहते हैं. आज औसत व्यक्ति न केवल इसका उपयोग करता है बल्कि इससे जुड़ता भी है.''
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