विज्ञापन
This Article is From Jan 20, 2024

विदेश मंत्री जयशंकर ने युगांडा में श्रीलंकाई राष्ट्रपति से की मुलाकात, द्विपक्षीय पहल पर चर्चा

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘कम्पाला में एनएएम शिखर सम्मेलन के मौके पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके खुशी हुई.’’

विदेश मंत्री जयशंकर ने युगांडा में श्रीलंकाई राष्ट्रपति से की मुलाकात, द्विपक्षीय पहल पर चर्चा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर
कम्पाला:

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात की और द्विपक्षीय पहल की प्रगति पर चर्चा की. जयशंकर शुक्रवार से शुरू हुए गुटनिरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) के दो-दिवसीय शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए युगांडा की राजधानी कम्पाला में हैं.

जयशंकर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘कम्पाला में एनएएम शिखर सम्मेलन के मौके पर श्रीलंकाई राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके खुशी हुई.''

उन्होंने कहा, ‘‘हमारी द्विपक्षीय पहलों की प्रगति के लिए उनके निरंतर मार्गदर्शन की (हम) सराहना करते हैं. भारत की प्रतिबद्धता हमारी ‘पड़ोसी प्रथम' और ‘सागर' नीति में परिलक्षित होती है.''

भारत की ‘पड़ोसी प्रथम' की नीति अपने निकटतम पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के प्रबंधन के प्रति इसके दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करती है. इसका उद्देश्य समूचे क्षेत्र में भौतिक, डिजिटल और परस्पर आवागमन को बढ़ाने के साथ-साथ व्यापार एवं वाणिज्य को बढ़ाना है.

विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी के कारण श्रीलंका 2022 में एक विनाशकारी वित्तीय संकट की चपेट में आ गया था, जो 1948 में ब्रिटेन से आजादी के बाद की सबसे खराब स्थिति थी.

जब देश संकट से जूझ रहा था, तब भारत ने 'पड़ोसी प्रथम' की नीति के अनुरूप ऋण सुविधा और मुद्रा समर्थन के माध्यम से लगभग चार अरब अमेरिकी डॉलर की बहु-आयामी सहायता प्रदान की.

‘‘क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास'' अर्थात ‘सागर' हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सहयोग की भारत की नीति या सिद्धांत है. इससे पहले दिन में, जयशंकर ने युगांडा के अपने समकक्ष जनरल जेजे ओडोंगो से मुलाकात की.

जयशंकर ने ‘एक्स' पर पोस्ट किया, ‘‘अपने प्रिय मित्र जनरल जेजे ओडोंगो के साथ दिन की शुरुआत करके खुशी हुई. एनएएम शिखर सम्मेलन में उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए उन्हें धन्यवाद दिया. युगांडा की अध्यक्षता के प्रति भारत के तहे दिल से समर्थन का आश्वासन दिया.''

उन्होंने कहा, ‘‘अप्रैल 2023 की मेरी यात्रा के बाद से हमारे द्विपक्षीय सहयोग में प्रगति हुई है. सीधी उड़ानें, प्रशिक्षण और आदान-प्रदान तथा नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) के परिसर की शुरुआत प्रमुख विकाय कार्यों में शुमार हैं.'

जयशंकर ने शुक्रवार को बहरीन, सर्बिया, बोलीविया, अजरबैजान और वेनेजुएला के अपने समकक्षों के साथ कई द्विपक्षीय बैठकें कीं, जिसके दौरान उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों के साथ-साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की.

ये भी पढ़ें- अयोध्या धाम में 51 स्थानों पर 22 हजार से अधिक वाहनों की होगी पार्किंग, ड्रोन से होगी निगरानी

ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री का पूर्वोत्तर में शांति, विकास सुनिश्चित करने का अभियान सफल रहा : गृह मंत्री अमित शाह

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
निपाह वायरस: जांच में 13 लोगों की रिपोर्ट निगेटिव, कितना खतरनाक है यह वायरस?
विदेश मंत्री जयशंकर ने युगांडा में श्रीलंकाई राष्ट्रपति से की मुलाकात, द्विपक्षीय पहल पर चर्चा
रेलवे की बड़ी लापरवाही!  हरदोई में फैक्चर ट्रैक से गुजरी दो ट्रेनें, बड़ा हादसा होने से टला
Next Article
रेलवे की बड़ी लापरवाही! हरदोई में फैक्चर ट्रैक से गुजरी दो ट्रेनें, बड़ा हादसा होने से टला
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com