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This Article is From May 03, 2016

रांची के इन 'बूढ़े बच्चों' के लिए स्कूल है सबसे डरावना सपना, जानें क्यों

रांची के इन 'बूढ़े बच्चों' के लिए स्कूल है सबसे डरावना सपना, जानें क्यों
रांची: झारखंड की राजधानी रांची के दो कमरों के भीतर आठ साल की अंजलि और 20 महीने के केशव के लिए  सामान्य और चंचल बचपन है, लेकिन जब प्रतिदिन अंजलि स्कूल के लिए बाहर जाती है तो उसे समस्याएं घेर लेती हैं।

प्रोजेरिया से पीड़ित हैं बच्चे
दोनों बच्चे दुर्लभ आनुवांशिक विकार प्रोजेरिया से पीड़ित हैं, जिसकी वजह से वे अभी से बूढ़े दिखाई देते हैं। उनकी त्वचा पर झुर्रियां पड़ चुकी हैं और चेहरे पर हमेशा सूजन रहती है। उन्हें जोड़ों में भी नियमित रूप से दर्द रहता है।

बच्चे बूढ़ी औरत कहकर चिढ़ाते हैं
तीसरी कक्षा में पढ़ने वाली अंजलि ने बताया कि दूसरे बच्चे मुझे बूढ़ी औरत कहकर पुकारते हैं। मैंने कई बार अपनी टीचर से शिकायत भी की है, लेकिन बहुत कुछ हुआ नहीं।

फिल्म 'पा' के अमिताभ जैसी स्थित
इन दोनों बच्चों की स्थिति वैसी ही है जैसी कि अमिताभ बच्चन की फिल्म 'पा' में थी। उन्होंने भी 12 साल के प्रोजेरिया पीड़ित बच्चे का किरदार निभाया था।
 

माता-पिता 4500 रुपये महीना कमाते हैं
अंजलि और केशव के माता-पिता शत्रुघ्न रजक और रिंकी देवी कपड़े धोकर 4500 रुपये महीना कमाते हैं। उनकी तीसरी बेटी की हालत भी ठीक नहीं है। वैसे रांची के डॉक्टरों ने रजक को बताया है कि बच्चों को ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन रजक हार मानने को तैयार नहीं हैं।

हम इस समस्या का सामना करेंगे : पिता
शत्रुघ्न ने कहा कि हम चिंतित हैं, लेकिन इस मतलब यह नहीं है कि हम बच्चों को छोड़ देंगे या ऐसा कुछ करेंगे। हम इसका सामना करेंगे और हम अपने बच्चों के साथ हैं। अच्छा होता कि सरकार इस बीमारी का इलाज करने वाले खास अस्पतालों में हमारे बच्चों को ले जाने में मदद करते। हम वैसे भी कोशिश कर रहे हैं।

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