लखनऊ:
मलिका-ए-आलिया मुमताज महल की याद में शाहजहां द्वारा बनवाए गए ताजमहल की तर्ज पर उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में एक बुजुर्ग के अपनी मरहूम बीवी की स्मृति में तामीर कराए जा रहे ‘ताज’ को मुकम्मल करने के अधूरे ख्वाब को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव अमली शक्ल देने में मदद करेंगे।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अभिनव प्रयोग करने वाले लोगों के सम्मान में अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में बुलंदशहर में अपनी मुहब्बत को नए मुकाम पर पहुंचाने की कोशिश में अपनी जिंदगी भर की कमाई लगाने वाले 80 वर्षीय फैजुल हसन कादरी को सम्मानित किया। साथ ही आश्वस्त किया कि उन्होंने अपनी पत्नी की याद में ताजमहल की प्रतिकृति का जो ढांचा तैयार किया है उसे पूरा कराने के लिए वह निजी तौर पर सहयोग प्रदान करने पर विचार करेंगे।
मालूम हो कि बुलंदशहर के कसेरकलां गांव निवासी सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर कादरी ने अपनी बीवी की याद में ‘ताजमहल’ का ढांचा बनवाया है, जिसके निर्माण में वह सेवानिवृत्ति के बाद मिली पूरी धनराशि के साथ-साथ जमीन बेचने से मिली रकम भी लगा चुके हैं।
कुल मिलाकर मुहब्बत के इस मुजस्सिमे पर अब तक लगभग 17 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन उसे अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है। कादरी के पास अब यह काम करा पाने के लिये रकम भी नहीं है।
कादरी ने अपने गांव में बालिकाओं के लिये हाईस्कूल स्तर के एक विद्यालय की स्थापना का अनुरोध भी किया था। मुख्यमंत्री ने इससे भी बढ़कर उनके गांव में बालिका इण्टर कालेज बनवाने का ऐलान करते हुए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में उसके लिये व्यवस्था करने को कहा है।
साथ ही कादरी के गांव को जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के दायरे में लाते हुए उसे इस योजना की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के घोषणा भी की है।
मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को अभिनव प्रयोग करने वाले लोगों के सम्मान में अपने सरकारी आवास पर आयोजित कार्यक्रम में बुलंदशहर में अपनी मुहब्बत को नए मुकाम पर पहुंचाने की कोशिश में अपनी जिंदगी भर की कमाई लगाने वाले 80 वर्षीय फैजुल हसन कादरी को सम्मानित किया। साथ ही आश्वस्त किया कि उन्होंने अपनी पत्नी की याद में ताजमहल की प्रतिकृति का जो ढांचा तैयार किया है उसे पूरा कराने के लिए वह निजी तौर पर सहयोग प्रदान करने पर विचार करेंगे।
मालूम हो कि बुलंदशहर के कसेरकलां गांव निवासी सेवानिवृत्त पोस्टमास्टर कादरी ने अपनी बीवी की याद में ‘ताजमहल’ का ढांचा बनवाया है, जिसके निर्माण में वह सेवानिवृत्ति के बाद मिली पूरी धनराशि के साथ-साथ जमीन बेचने से मिली रकम भी लगा चुके हैं।
कुल मिलाकर मुहब्बत के इस मुजस्सिमे पर अब तक लगभग 17 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन उसे अंतिम रूप दिया जाना अभी बाकी है। कादरी के पास अब यह काम करा पाने के लिये रकम भी नहीं है।
कादरी ने अपने गांव में बालिकाओं के लिये हाईस्कूल स्तर के एक विद्यालय की स्थापना का अनुरोध भी किया था। मुख्यमंत्री ने इससे भी बढ़कर उनके गांव में बालिका इण्टर कालेज बनवाने का ऐलान करते हुए अगले वित्तीय वर्ष के बजट में उसके लिये व्यवस्था करने को कहा है।
साथ ही कादरी के गांव को जनेश्वर मिश्र ग्राम योजना के दायरे में लाते हुए उसे इस योजना की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के घोषणा भी की है।
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