किसी भी युवा एविएटर के लिए आसमान में पहली बार अकेले उड़ान भरना हमेशा सबसे यादगार पलों में से एक होता है. भारतीय वायुसेना (Indian Airforce) 101 स्क्वाड्रन- 'द फाल्कन्स' में किसी सदस्य की खुशी या उपलब्धि को एक बड़े परिवार की तरह सेलिब्रेट किया जाता है. भारतीय वायुसेना के स्क्वॉड्रन में सबसे कम उम्र के पायलट फ्लाइंग ऑफिसर कुनाल चौधरी (Kunal Chaudhary) को शक्तिशाली राफेल (Rafale) को अकेले उड़ाने की मंजूरी मिल गई है. 101 स्क्वाड्रन के कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) से प्रतिष्ठित सोलो बैज हासिल करने से पहले फ्लाइंग ऑफिसर की इस उपलब्धि का खास अंदाज में जश्न मनाया गया. बैज लेने से पहले फ्लाइंग ऑफिसर कुनाल चौधरी बीच में बैठ जाते हैं, उनके साथी उनपर पानी से भरी दो बाल्टी डालते हैं. ये अपने नए योद्धा का स्वागत करने की एक अनूठी परंपरा है.
NDTV की खास डॉक्यूमेंट्री- Rafale: India's Cutting Edge में आप इसकी झलक देख सकते हैं. फिल्म 'उरी' की तर्ज पर एक फ्लाइट लेफ्टिनेंट फ्लाइंग ऑफिसर कुनाल चौधरी से पूछता है, "हाउज़ द जोश". इस पर चौधरी जवाब देते हैं- "हाई, सर".
भारतीय वायुसेना की 101 स्क्वॉड्रन पश्चिम बंगाल में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हासीमारा एयरबेस पर स्थित है. ये जुड़वां इंजन वाले मल्टी-रोल डसॉल्ट राफेल से लैस है. 4.5वीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान वायुसेना के लड़ाकू बेड़े का नया एडिशन भी है.
हासीमारा एक फ्रंट-लाइन एयर बेस है. इसे किसी भी चीनी खतरे का मुकाबला करने और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चिकन नेक कॉरिडोर की रक्षा करने का काम सौंपा गया है. चिकन नेक कॉरिडोर एक संकरा रूट है, जो पूर्वोत्तर को शेष भारत से सड़क मार्ग से जोड़ता है. फाल्कन्स ने कई अंतरराष्ट्रीय अभ्यासों में भाग लिया है. ये किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सक्रिय रूप से तैयार है.
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