
देश के कई महानगरों में लाखों होम बायर्स पिछले लगभग एक दशक से अपने फ्लैट का इंतजार कर रहे हैं. रियल एस्टेट इंडस्ट्री में पिछले डेढ़ दशक में कई कंपनियां डूब चुकी हैं.समाजवादी पार्टी के सांसद रमाशंकर राजभर ने सोमवार को संसद में इस मुद्दे उठाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि फ्लैट बायर्स एनसीएलएटी में बिल्डर के साथ पहुंचे हैं. लेकिन उनकी समस्या का समाधान कब तक संभव होगा, उन्हें उनके पैसे कब वापस मिलेंगे? सरकार की तरफ से कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने इस मुद्दे पर जवाब दिया. उन्होंने बताया कि सरकार की तरफ से होम बायर्स के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं.
संसद में उठा अटके फ्लैट वाले लाखों बायर्स का दर्द, कब मिलेगा पैसा? जानिए सरकार ने क्या बताया#Parliament pic.twitter.com/3Kbbvii4LU
— NDTV India (@ndtvindia) March 17, 2025
रमाशंकर राजभर के क्या थे सवाल?
सपा सांसद ने कहा कि 2014 के बाद दिवालिया कंपनियों की बाढ़ रियल एस्टेट इंडस्ट्री में आ गई. कई फर्जी कंपनियां बनाई गई और होम बायर्स के लाखों रुपये लूट लिए गए. उन्होंने कहा कि ये सभी मामले एनसीएलएटी में गए. ऐसे में सवाल यह है कि एनसीएलएटी ने उनके साथ कितना न्याय किया? बायर्स के पैसे कब तक वापस होंगे? एनसीएलएटी मुकदमों पर पूरी सुनवाई नहीं कर रही है. ऐसे में हजारों फंसे हुए निवेशकों को पैसा कब तक मिलेगा?
सरकार का क्या था जवाब?
सरकार की तरफ से कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि सरकार ने कई रिफोर्म्स किए हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में टावर के आधार पर भी सुनवाई हो इसकी व्यवस्था भी सरकार की तरफ से की गई है. पजेशन को लेकर भी सरकार की तरफ से कदम उठाए गए हैं. इसके अलावा होम बायर्स को कई तरह की राहत सरकार की तरफ से दी गई है. सरकार ने कहा कि हमारे पास डिटेल रिफॉर्म्स हैं. 15-20 पेज के रिफॉर्म्स हैं जो सरकार की तरफ से तैयार करवाई गई है.
पिछले 10 साल में डूबी रियल एस्टेट कंपनियों की लिस्ट
पिछले एक दशक में कई रियल एस्टेट कंपनियां डूब चुकी हैं या दिवालिया घोषित हो चुकी हैं.
- आम्रपाली ग्रुप- 2019 में RERA रजिस्ट्रेशन रद्द, एनबीसीसी को सौंपे गए प्रोजेक्ट्स.
- अंसल एपीआई - कर्ज और कानूनी विवादों में फंस गई कंपनी, कई प्रोजेक्ट्स अधूरे.
- यूनिटेक - 2017 में एनसीएलटी में दिवालिया प्रक्रिया की शुरुआत हुई, होम बायर्स का पैसा अटक गया.
- जेपी इन्फ्राटेक - 2017 में दिवालिया घोषित हो गई कंपनी यमुना एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट प्रभावित हुआ.
- सुपरटेक - 2022 में एनसीएलटी ने दिवालिया प्रक्रिया शुरू की, 40,000 से ज्यादा फ्लैट्स अटके हैं.
- 3सी कंपनी- कई प्रोजेक्ट्स में देरी हुई है वित्तीय संकट में फंसी है कंपनी
- पार्श्वनाथ डेवलपर्स- कर्ज में डूबी है कंपनी कई प्रोजेक्ट्स रुके हैं.
- एचडीआईएल- 2019 में दिवालिया घोषित हो गई कंपनी पीएमसी बैंक घोटाले से जुड़ा नाम.
दोषियों के खिलाफ हुई है कार्रवाई लेकिन कडे़ सजा की जरूरत
भारत में रियल एस्टेट क्षेत्र में भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के मामले बढ़ने के बाद सरकार और न्यायिक संस्थानों ने सख्त कदम उठाए हैं. हालांकि अभी भी कड़े सजा की जरूरत है. आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया था. ग्रुप के प्रमोटर को जेल भी जाना पड़ा था. इसी तरह यूनिटेक के प्रमोटर संजय चंद्रा को 2017 में धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया गया, और कंपनी को सरकारी नियंत्रण में लिया गया. रेरा के तहत बिल्डरों पर जुर्माना, प्रोजेक्ट्स का जब्ती और जेल की सजा का प्रावधान भी है. हालांकि बड़े मामलों को छोड़ दिया जाए तो छोटे-छोटे हजारों केस लंबित हैं जिसपर अभी सुनवाई होनी बाकी है.
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