वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐसे समय में कर्ज में डूबे देशों की मदद के लिए अमीर देशों के नेतृत्व में ठोस वैश्विक प्रयासों का शुक्रवार को आह्वान किया, जब बहुपक्षवाद सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है. वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक द्वारा आयोजित जी20 के एक सत्र को ऑनलाइन संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘ हमने हाल के वर्षों में इतनी बड़ी चुनौतियां कभी नहीं देखीं.'' सीतारमण ने कहा कि भारत ने यह सुनिश्चित किया है कि भू-राजनीतिक मतभेद अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रभावित न करें तथा यही जी20 समूह और शिखर सम्मेलन की मुख्य अवधारणा है.
उन्होंने कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता ने वैश्विक ऋण कमजोरियों के प्रबंधन को बहुत महत्व दिया है जिसका आज कई देश सामना कर रहे हैं. अब समय आ गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय सहयोग करें और कर्ज को लेकर तनाव का सामना कर रहे निम्न-आय और कमजोर मध्यम-आय वाले देशों के लिए ऋण पुनर्गठन प्रयासों में समन्वय के मजबूत तरीके ढूंढें. सीतारमण ने सभी के लिए बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने की खातिर ठोस प्रयासों का आह्वान करते हुए कहा कि जी20 का एजेंडा सभी के लिए बेहतर कल तैयार करना है.
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत ने अब तक यह सुनिश्चित किया है कि सभी आर्थिक मुद्दों पर आम सहमति बने, खासकर कर्ज की समस्या का समाधान ढूंढने में, जिसका सामना आज मध्यम आय वाले कई देश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इसके अलावा बहुपक्षवाद की चुनौतियों से उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान ढूंढने के लिए लगातार प्रयास करना जरूरी है. जी20 ने स्थायी समाधान खोजने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन भी किया है.
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