यमुनानगर:
जिस देश में कन्या को देवी का दर्जा दिया जाता है उसी देश में एक ऐसा इलाका भी है जहां जन्म से पहले ही कन्या को कोख में कत्ल करने के बाद टॉयलेट में बहा दिया जाता है। रोंगटे खड़े कर देने वाली यह हकीकत हरियाणा के यमुनानगर की है जहां के एक पॉश इलाके की कोठी में पिछले कई सालों से यह काला धंधा धड़ल्ले से चल रहा था और इस धंधे को अंजाम दे रही थीं एक बीएमएस डॉक्टर। पुलिस ने इस डॉक्टर को हिरासत में लेकर कार्रवाई आरंभ कर दी है।
युमनानगर की एक आलीशान कोठी में पिछले पांच सालों से कन्याओं को कोख में मारकर टॉयलेट में बहा दिया जाता है। जब स्वास्थ्य विभाग व रेड क्रॉस की टीम ने जगाधरी इलाके की सरस्वती कालोनी की कोठी नंबर 43 में रेड की तो सच चौंकाने वाला था। बीएमएस डॉक्टर प्रियंका ने एक महिला का गर्भपात करके भ्रूण को टॉयलेट में बहा दिया था लेकिन स्टेचर पर लेटी महिला ही एक बड़ा सबूत थी कि कोठी के अंदर क्या-क्या होता था लेकिन महिला कुछ भी बताने को तैयार नहीं थी हालांकि पुलिस ने भी इस महिला से काफी माथापच्ची की लेकिन वह सच नहीं बोली तो वहीं दूसरी तरफ जिस डॉक्टर की डिग्री पर यह धंधा चल रहा था वह भी अस्पताल में मौजूद नहीं थी।
दरअसल, डॉ. पारुल के नाम की डिग्री पर ही यह नर्सिंग होम चलाया जा रहा था और जो डॉक्टर इस धंधे को अंजाम दे रही थी वह सहारनपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली है। डॉ. प्रिंयका अब स्वयं को बेकसूर बता रही है और जिसके नाम की डिग्री है उसे अपनी बहन बता रही है। दोनों बहनों की मां जगाधरी के सिविल अस्पताल में हेड नर्स थी। डॉ. प्रिंयका ने बताया कि जो महिला अंदर लेटी है उसकी हालत नाजुक होने के कारण ही उसने ऐसा किया।
उधर, अस्पताल में काम करने वाली महिला रजनी की माने तो महीने में छह-सात केस आ ही जाते हैं और महिला का गर्भपात कराने के बाद भ्रूण को टॉयलेट में बहा दिया जाता है। वहीं उसने कैमरे से हट कर यह भी बोला कि अनमैरिड लड़कियों का भी गर्भपात करा दिया जाता है। फिलहाल आरोपी महिला डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में ले लेकर कार्रवाई आरंभ कर दी है।
युमनानगर की एक आलीशान कोठी में पिछले पांच सालों से कन्याओं को कोख में मारकर टॉयलेट में बहा दिया जाता है। जब स्वास्थ्य विभाग व रेड क्रॉस की टीम ने जगाधरी इलाके की सरस्वती कालोनी की कोठी नंबर 43 में रेड की तो सच चौंकाने वाला था। बीएमएस डॉक्टर प्रियंका ने एक महिला का गर्भपात करके भ्रूण को टॉयलेट में बहा दिया था लेकिन स्टेचर पर लेटी महिला ही एक बड़ा सबूत थी कि कोठी के अंदर क्या-क्या होता था लेकिन महिला कुछ भी बताने को तैयार नहीं थी हालांकि पुलिस ने भी इस महिला से काफी माथापच्ची की लेकिन वह सच नहीं बोली तो वहीं दूसरी तरफ जिस डॉक्टर की डिग्री पर यह धंधा चल रहा था वह भी अस्पताल में मौजूद नहीं थी।
दरअसल, डॉ. पारुल के नाम की डिग्री पर ही यह नर्सिंग होम चलाया जा रहा था और जो डॉक्टर इस धंधे को अंजाम दे रही थी वह सहारनपुर उत्तर प्रदेश की रहने वाली है। डॉ. प्रिंयका अब स्वयं को बेकसूर बता रही है और जिसके नाम की डिग्री है उसे अपनी बहन बता रही है। दोनों बहनों की मां जगाधरी के सिविल अस्पताल में हेड नर्स थी। डॉ. प्रिंयका ने बताया कि जो महिला अंदर लेटी है उसकी हालत नाजुक होने के कारण ही उसने ऐसा किया।
उधर, अस्पताल में काम करने वाली महिला रजनी की माने तो महीने में छह-सात केस आ ही जाते हैं और महिला का गर्भपात कराने के बाद भ्रूण को टॉयलेट में बहा दिया जाता है। वहीं उसने कैमरे से हट कर यह भी बोला कि अनमैरिड लड़कियों का भी गर्भपात करा दिया जाता है। फिलहाल आरोपी महिला डॉक्टर को पुलिस ने हिरासत में ले लेकर कार्रवाई आरंभ कर दी है।
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