प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) ने नए कृषि कानूनों (Farm Laws) पर किसानों की आशंकाओं को लेकर मुखरता से अपनी बात रखी है. उन्होंने मध्य प्रदेश के किसानों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये संबोधित किया. मोदी ने कहा कि नए कृषि कानूनों से फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) खत्म होने की बात करना अब तक का सबसे बड़ा झूठ है. प्रधानमंत्री ने नए कृषि कानूनों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) खत्म होने का दावा करने वालों को भी घेरा. उन्होंने बताया कि कृषि कानून रातोंरात नहीं लाए गए. कृषि कानूनों की आशंकाओं को खारिज करते हुए उसके फायदों और बारीकियों को उन्होंने एक-एक कर गिनाया. जानिए उनके संबोधन की 10 बड़ी बातें...
पीएम मोदी के संबोधन की दस बड़ी बातें...
प्रधानमंत्री ने कहा कि कृषि कानूनों ( Farm Laws) को किसी भी जल्दबाजी में नहीं लाया गया. कृषि समूहों, विशेषज्ञों, सरकारी प्रतिनिधियों के बीच पिछले 20-22 साल से इस मुद्दे पर चर्चा और बहस होती रही है. अर्थशास्त्री, वैज्ञानिक और प्रगतिशील किसानों ने ऐसे सुधारों का समर्थन किया है.
इन राजनीतिक दलों का असली दर्द यह है कि उन्हें यह पच नहीं पा रहा है कि जो हम नहीं कर पाए वो मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कैसे कर दिया. उन्हें इसका फायदा मिलना चाहिए था. उनके घोषणापत्र में इन बातों का जिक्र है. लिहाजा किसानों को बरगलाने का काम बंद करें.
दुनिया भर में प्रतिस्पर्धा के माहौल में भारत का किसान पीछे नहीं रह सकता. उसे भी वैश्विक संसाधनों और तकनीकों की मदद मिलनी चाहिए.
किसानों की मदद करने की बजाय विपक्षी दलों ने अपनी मदद की. यही वजह है कि वे कृषि सुधारों का विरोध कर रहे हैं. वे किसानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं
मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सत्ता में आने के 10 दिनों के भीतर ही किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. झूठे वादों के साथ किसानों के साथ खिलवाड़ किया.
सभी विपक्षी दलों ने अपने घोषणापत्रों में कभी न कभी कृषि कानूनों का जिक्र किया. लेकिन अब राजनीतिक फायदे के लिए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं.
किसानों को मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि नए कानूनों के जरिये एमएसपी खत्म नहीं होने वाली है. फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य पहले की तरह जारी रहेगा.
कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-हरियाणा के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर किसान पिछले तीन हफ्तों से आंदोलन कर रहे हैं. वे कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
बीजेपी ने विपक्ष के दुष्प्रचार का जवाब देते हुए देश भर में कृषि कानूनों के समर्थन में अभियान चलाने का ऐलान किया है. पीएम मोदी का संबोधन उसी क्रम में है.
कृषि कानूनों पर सरकार किसानों की हर आशंका और आपत्ति का समाधान करने को तैयार है. पीएम मोदी ने कहा कि हम किसानों से वार्ता करने को तैयार हैं.