Farmers Meet Government : 5 घंटे से ज्यादा चली भारत सरकार और किसान संगठनों के बीच पांचवें दौर की बातचीत नए कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को खत्म करने में नाकाम रही और बेनतीजा साबित हुई. किसान संगठन के नेताओं ने बैठक में सरकार से तीनों कानून रद्द करने की मांग दोहराई ... अब यह तय किया गया है कि 9 दिसंबर को दिन में 12:00 बजे भारत सरकार और किसान संगठनों के बीच विज्ञान भवन में छठे दौर की बातचीत होगी.
पांचवें दौर की बातचीत के दौरान नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान संगठनों ने एक समय प्ले कार्ड्स लेकर सरकारी नुमाइंदों के सामने करीब आधे घंटे चुपचाप बैठकर (Sit In Silent)प्रोटेस्ट किया और बातचीत जारी रखने से मना कर दिया.
बैठक में कुछ किसान संगठनों ने नए कानूनों को रद्द करने की मांग पर सरकार की तरफ से कोई आश्वासन ना मिलने पर एक समय बॉयकॉट करने की भी धमकी दी. अब तीनों कानून रद्द करने को लेकर भारत सरकार पर दबाव बढ़ाने के लिए किसान संगठनों ने कहा है कि 8 तारीख को जो भारत बंद का एलान किया गया था, वो जारी रहेगा.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की बैठक समाप्त होने के बाद किसान नेताओं का कहना है, "केंद्र सरकार ने कहा है कि वे हमें 9 दिसंबर को एक प्रस्ताव भेजेंगे. हम आपस में इस पर चर्चा करेंगे जिसके बाद उसी दिन उनके साथ बैठक होगी. "
Central Government has said that they will send us a proposal on December 9th. We will discuss it amongst ourselves after which a meeting with them will be held that day: Farmer leaders say after the fifth round of meeting with Central Government concludes#FarmLaws2020 pic.twitter.com/GidiFmEDYX
— ANI (@ANI) December 5, 2020
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने बैठक से बाहर आने के बाद कहा, "सरकार एक मसौदा तैयार करेगी और हमें देगी, उन्होंने कहा कि वे राज्यों से भी सलाह लेंगे. बैठक में एमएसपी पर भी चर्चा हुई लेकिन हमने कहा कि हम इस कानून को वापस लेने पर बात करेंगे. भारत बंद 8 दिसंबर की घोषणा के अनुसार होगा."
Govt will prepare a draft & give us. They said that they'll consult the states too. Discussions were held on MSP too but we said that we should also take up laws & talk about their roll back. Bharat Bandh (on 8th Dec) will go on as announced: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union pic.twitter.com/1NvZC31MT7
— ANI (@ANI) December 5, 2020
दिल्ली के विज्ञान भवन में आज 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ केंद्र की तरफ से केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने बातचीत की. पांचवें दौर की बातचीत से आज इस मुद्दे के समाधान को लेकर सभी आशांवित थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
इससे पहले बैठक में कृषि मंत्रालय ने गुरुवार को चौथे दौर की वार्ता के दौरान सरकार के समक्ष पेश किए गए 39 बिंदुओं को चर्चा के लिए टेबल किया है. इन बिंदुओं को गुरुवार को चौथे दौर की बातचीत के दौरान किसानों ने उठाया था. सरकार ने कहा था किसानों की शिकायतों पर सरकार विचार कर सकती है, संशोधन कर सकती है. लेकिन किसानों ने इससे इनकार कर दिया था.
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ऑल इंडिया किसान सभा के बालकरण सिंह बरार ने कहा, "सरकार ने संशोधन का जो प्रस्ताव रखा था उसको हम नहीं मानेंगे. हम ये तीनों कानून वापस कराएंगे और हमारी आठ मांगे हैं उन्हें पूरा कराएंगे फिर आंदोलन वापस लेंगे. ये तीनों कानून खेती को पूजीवादियों को सौंपने की तैयारी है."
इससे पहले लंच ब्रेक तक भी किसान संगठन और केंद्र सरकार के बीच किसी भी तरह की सहमति बनती नहीं दिखी. आज एक बार फिर किसान नेताओं ने सरकार का खाना नहीं खाया. उन्होंने गुरुद्वारे से आए लंगर का खाना ही खाया.
सरकार जहां एक तरफ किसानों की बिल जुड़ी कुछ आपत्तियों पर संशोधन करने पर विचार करती दिखी वहीं किसान नेता पहले ही साफ कर चुके थे कि जब तक केंद्र सरकार अपने नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती है तब तक किसानों का ये आंदोलन जारी रहेगा.
5वें राउंड की बैठक में किसान प्रतिनिधियों ने सरकार से पिछली बैठक में उठाए गए मुद्दों पर लिखित जवाब मांगा है. किसान नेताओं का कहना है कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए, कानून में संशोधन का प्रस्ताव हमें मंजूर नहीं है. सरकार को संसद का सत्र बुलाकर कानून रद्द करना होगा. जब तक संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीनों नए कानून रद्द नहीं किए जाते किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
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सूत्रों ने बताया कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के साथ महत्वपूर्ण बैठक से पहले राजनाथ सिंह और अमित शाह समेत केंद्रीय मंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की और प्रदर्शन कर रहे समूहों के सामने रखे जाने वाले संभावित प्रस्तावों पर विचार-विमर्श किया. सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में तोमर और गोयल भी उपस्थित थे. इससे पहले राजनाथ सिंह और अमित शाह ने केंद्रीय मंत्रियों के साथ इस विषय पर चर्चा की.
सूत्रों ने कहा कि किसानों के आंदोलन को समाप्त करने के केंद्र के प्रयासों में अहम भूमिका निभा रहे केंद्रीय मंत्रियों के साथ बातचीत के प्रधानमंत्री के फैसले से नजर आता है कि वह इस संकट को समाप्त किये जाने को कितना महत्व दे रहे हैं. इस मुद्दे पर पहली बार मोदी ने अपने मंत्रियों के साथ बातचीत की है. किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद' की घोषणा की है और चेतावनी दी है कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो आंदोलन तेज किया जाएगा तथा राष्ट्रीय राजधानी आने वाले और मार्गों को अवरुद्ध कर दिया जाएगा.
(इनपुट एजेंसी ANI और भाषा से भी)
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