हरियाणा में एमएसपी की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार शाम सरकार के साथ हुई बैठक के बाद कहा कि हमारी मांगों को मान लिया गया है. किसानों की तरफ से कहा गया है कि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने पर सहमत हो गई है. बैठक के बाद एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार राहत राशि बढ़ाएगी और किसानों को उचित मूल्य देगी. उन्होंने किसानों से अपना विरोध वापस लेने का अनुरोध किया.
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने हमारी मांग को मान ली है. उन्होंने कहा कि धरना खत्म कर लिया गया है. किसानों पर हुए केस वापस ले लिए जाएंगे. गौरतलब है कि किसान कई दिनों से अपनी मांग को लेकर आंदोलन कर रहे थे.
एमएसपी की मांग को लेकर किसान कर रहे थे आंदोलन
सूरजमुखी की फसल खरीद में न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP की मांग को लेकर हरियाणा के किसानों ने दिल्ली जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया था. हरियाणा, पंजाब, यूपी और अन्य पड़ोसी राज्यों के किसान नेता अपनी मांग को लेकर 'एमएसपी दिलाओ, किसान बचाओ' महापंचायत के लिए पिपली अनाज मंडी में एकत्र हुए थे.
किसानों की क्या थी मांग?
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भावांतर भरपाई योजना (बीबीवाई) (Bhavantar Bharpai Yojana) (BBY) के तहत 36,414 एकड़ में उगाई गई सूरजमुखी की फसल के लिए 8,528 किसानों को अंतरिम 'भरपाई (राहत)' के रूप में 29.13 करोड़ रुपये जारी किए थे . राज्य सरकार ने इस साल की शुरुआत में बीबीवाई के तहत सूरजमुखी की फसल को शामिल करने की घोषणा की थी.
एक ऐसी योजना जिसके माध्यम से सरकार किसानों को एमएसपी से नीचे बेची गई, उपज के लिए एक निश्चित मुआवजे का भुगतान करती है. राज्य सरकार एमएसपी से नीचे बिकने वाली सूरजमुखी की फसल के लिए योजना के तहत अंतरिम सहायता के रूप में 1,000 रुपये प्रति क्विंटल दे रही है. किसान मांग कर रहे हैं कि राज्य सरकार सूरजमुखी को 6,400 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी पर खरीदे.
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