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This Article is From Sep 06, 2023

"दुनिया में खत्म हो रही परिवार व्यवस्था, लेकिन भारत इससे बचा क्योंकि...": RSS प्रमुख मोहन भागवत

RSS प्रमुख मोहन भागवत ने सांसारिक सुखों की पूर्ति के प्रति बढ़ती प्रवृत्ति और कुछ लोगों द्वारा अपने स्वार्थी दर्शन के माध्यम से इसे “सांस्कृतिक मार्क्सवाद” के रूप में उचित ठहराने के प्रयास का वर्णन किया.

"दुनिया में  खत्म हो रही परिवार व्यवस्था, लेकिन भारत इससे बचा क्योंकि...": RSS प्रमुख मोहन भागवत
भारतीय पूरे विश्‍व को ही अपना परिवार का हिस्‍सा मानकर चलते हैं
नागपुर:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि दुनिया भर में परिवार व्यवस्था खत्म हो रही है, लेकिन भारत इस संकट से बच गया है क्योंकि 'सच्चाई' इसकी नींव है. मोहन भागवत ने नागपुर में वरिष्ठ नागरिकों की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति की जड़ें सत्य पर आधारित हैं, हालांकि इस संस्कृति को उखाड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं.

संपूर्ण विश्व एक परिवार

भागवत ने सांसारिक सुखों की पूर्ति के प्रति बढ़ती प्रवृत्ति और कुछ लोगों द्वारा अपने स्वार्थी दर्शन के माध्यम से इसे “सांस्कृतिक मार्क्सवाद” के रूप में उचित ठहराने के प्रयास का वर्णन किया. बता दें कि भारत 'वसुधैव कुटुंबकम' की सोच पर चलता आया है, जिसका अर्थ है 'संपूर्ण विश्व एक परिवार' है. भारतीय पूरे विश्‍व को ही अपना परिवार का हिस्‍सा मानकर चलते हैं.

सांस्कृतिक मार्क्सवाद...

आरएसएस प्रमुख ने कहा, "सांसारिक सुखों की ओर यह झुकाव सीमा पार कर चुका है. कुछ लोग अपने स्वार्थ के कारण सांसारिक सुखों की पूर्ति की इस प्रवृत्ति को सही ठहराने का प्रयास करते हैं. इसे ही आज सांस्कृतिक मार्क्सवाद कहा जाता है. ये लोग ऐसी अनैतिकता को अच्छा नाम देकर उसका समर्थन करते हैं. वे ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि समाज में ऐसी अराजकता से उन्हें मदद मिलती है, और वे अपना वर्चस्व स्थापित कर सकते हैं."

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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