सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज अमेरिकी कंपनी फेसबुक ने बुधवार को मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की कंपनी जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदने के लिए 5.7 अरब डॉलर या करीब 43,574 करोड़ रुपये निवेश करने का करार किया. कंपनियों ने बुधवार को इसकी घोषणा की. इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज समूह को अपने कर्ज का बोझ कम करने में मदद मिलेगी तथा फेसबुक की भारत में उपस्थिति और मजबूत होगी। उसके लिए उपयोगकर्ता आधार के लिहाज से भारत सबसे बड़ा बाजार है.
रिलायंस के एक बयान में कहा, ‘‘आज हम रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड में 5.7 अरब अमेरिकी डॉलर या 43,574 करोड़ रुपये निवेश करने की घोषणा कर रहे हैं, जिससे फेसबुक इसका सबसे बड़ा अल्पांश शेयरधारक बन जाएगा.'' रिलायंस ने कहा कि फेसबुक के निवेश में जियो प्लेटफार्म्स का कीमत 4.62 लाख करोड़ रुपये आंकी गई (65.95 अरब अमेरिकी डॉलर, 70 रुपये प्रति डॉलर के विनिमय मूल्य पर). रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूरसंचार नेटवर्क जियो की शत प्रतिशत हिस्सेदारी जियो प्लेटफार्म्स लिमिटेड के पास है. बयान में कहा गया है कि जियो प्लेटफार्म्स में फेसबुक की हिस्सेदारी 9.99 प्रतिशत होगी.
जियो प्लेटफार्म्स, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, जो तमाम प्रकार की डिजिटल सेवाएं प्रदान करती है. इसके ग्राहकों की संख्या 38.8 करोड़ से अधिक है. आरआईएल द्वारा अपने कर्ज को कम करने के प्रयासों के तहत फेसबुक के साथ यह सौदा किया गया है. इसके लिए आरआईएल अपने व्यवसायों में रणनीतिक भागीदारी की तलाश कर रही है.
समूह अपने तेल-रसायन कारोबार में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए सऊदी अरामको के साथ बातचीत भी कर रही है. समूह ने अगले साल तक कर्ज मुक्त होने का लक्ष्य तय किया है. जियो में हिस्सेदारी के लिए कथित तौर पर गूगल से भी बातचीत की जा रही थी, लेकिन उन बातचीत के नतीजे के बारे में जानकारी फिलहाल नहीं है. ताजा सौदा जियो और फेसबुक दोनों के लिए फायदेमंद है क्योंकि चीन के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बाजार है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं