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नई दिल्ली: 24 फरवरी को यूक्रेन पर रूसी हमले का एक साल पूरा होने वाला है और उससे ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन सोमवार 20 फरवरी को अचानक यूक्रेन पहुंच गए. यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचकर राष्ट्रपति बाइडेन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को सीधा संदेश दिया है कि अमेरिका, यूक्रेन के साथ डट कर खड़ा है. राष्ट्रपति बाइडन ने यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ मुलाक़ात की और भरोसा दिया कि अमेरिका, यूक्रेन को अकेला नहीं छोड़ेगा, हरसंभव मदद जारी रखेगा.
बाइडेन ने अपने बयान में कहा कि एक साल पहले जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने हमला किया, तब उन्हें लगा कि यूक्रेन कमज़ोर है और पश्चिमी देश बंटे हुए हैं, लेकिन वह ग़लत साबित हुए. इस दौरान बाइडेन ने ऐलान किया कि अमेरिका यूक्रेन को ज़रूरी हथियारों की नई खेप जल्द भेजेगा. इसमें गोला बारुद, टैंक-रोधी सिस्टम और हवाई निगरानी रडार शामिल है. अमेरिका, यूक्रेन को अब्राहम टैंक देने का फ़ैसला पहले ही कर चुका है, जो रणनीतिक लिहाज़ से काफ़ी अहम है.
रूसी मिसाइल हमलों से यूक्रेन में नागरिक ठिकानों और बिजली केन्द्रों को भारी नुक्सान पहुंचा है. यूक्रेन अमेरिका और तमाम पश्चिमी देशों से मांग करता रहा है कि उसके हवाई क्षेत्र को सुरक्षित किया जाए, ताकि रूसी रॉकेट और मिसाइल हमलों को रोका जा सके. अमेरिकी कांग्रेस ने 2022 में यूक्रेन को मानवीय और सैन्य सहायता की मद में 113 बिलियन डॉलर की मदद अप्रूव कर चुका है. जेलेंस्की ने अब तक मिले अमेरिकी सहयोग के लिए अमेरिका को शुक्रिया कहा.
अमेरिका राष्ट्रपति का ये यूक्रेन दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है. रूस की तरफ़ से यूक्रेन की राजधानी कीव समेत अलग-अलग शहरों पर लगातार बमबारी जारी है. आधुनिक समय में ये पहली बार है कि कोई अमेरिकी राष्ट्रपति किसी एक्टिव वार ज़ोन में गया हो. वो भी तब, जब युद्ध में अमेरिकी सेना सीधे तौर पर शामिल न हो. बाइडेन जब कीव में पहुंचे, उस समय भी एयर सायरन बज रहा था.
बाइडेन और जेलेंस्की चल कर उस युद्ध स्मारक तक गए, जो रूस के साथ युद्ध में मारे गए यूक्रेन के सैनिकों की याद में बनाया गया है, दोनों ने यहां श्रद्धांजलि दी. बाइडेन के इस दौरे को पूरी तरह से गुप्त रखा गया. यूक्रेन के अलावा बाइडेन ने पोलैंड का भी दौरा किया, जो यूक्रेन का पड़ोसी और युद्ध में अहम सहयोगी देश है.