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गर्भवती महिलाओं में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा करेंगे विशेषज्ञ

यह बैठक छह और सात नवंबर को सीताराम भारतीय विज्ञान एवं अनुसंधान संस्थान में आयोजित की जाएगी.

गर्भवती महिलाओं में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से बच्चे पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा करेंगे विशेषज्ञ
नई दिल्ली:

भारत, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका के विज्ञान एवं सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ दिल्ली में दो-दिवसीय बैठक के लिए एकत्रित होंगे, जिसमें गर्भवती महिलाओं में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी से गर्भस्थ शिशु के तंत्रिका संबंधी विकास पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की जाएगी. 

यूके-दक्षिण एशिया मातृ सूक्ष्म पोषक तत्व और शिशु न्यूरोडेवलपमेंट अध्ययन (SACMIND) 6 और 7 नवंबर को सीताराम भरतिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड रिसर्च में आयोजित किया जाएगा. SACMIND कंसोर्टियम को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर रिसर्च, यूके द्वारा वित्त पोषित किया जाता है. विशेषज्ञों ने कहा कि विटामिन डी, विटामिन बी12, आयरन, फोलेट और जिंक जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व नवजात स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं. इनकी कमी से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं हो सकती हैं और मानसिक विकास में बाधा आ सकती है।

पिछले दशकों में, 37 सहकर्मी-समीक्षित वैश्विक अध्ययनों ने मातृ सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और बच्चे के न्यूरोडेवलपमेंट के बीच संबंध स्थापित किया है. इसके अलावा, पिछले कुछ वर्षों में किए गए 18 हस्तक्षेप अध्ययनों से पता चलता है कि जब गर्भावस्था के दौरान पूरक या दवाओं के माध्यम से ऐसी कमियों को ठीक किया जाता है, तो बच्चे के विकास में काफी सुधार होता है.

SACMIND परियोजना के प्रमुख अन्वेषक और सीताराम भरतिया अस्पताल के उप चिकित्सा निदेशक डॉ. जितेंद्र नागपाल के अनुसार, चर्चा सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने और अनुसंधान, नीति और अभ्यास के बीच अंतर को पाटने की रणनीतियों पर केंद्रित होगी. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ मातृ सूक्ष्मपोषण और शिशु न्यूरोडेवलपमेंट के लिए एक क्षेत्रीय अनुसंधान समूह की स्थापना और गर्भावस्था के दौरान पोषण सुरक्षा को मजबूत करने पर भी चर्चा करेंगे. 

डॉ नागपाल ने कहा कि विभिन्न देशों के वैज्ञानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ छिपी हुई भूख की समस्या का व्यावहारिक समाधान खोजने के लिए मिलकर काम करेंगे, जो कुपोषण का एक रूप है जिसमें गर्भवती महिलाएं पर्याप्त भोजन का सेवन करती हैं, लेकिन आहार में इष्टतम स्वास्थ्य और भ्रूण के विकास के लिए आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी होती है. 

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