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This Article is From May 22, 2019

Exclusive: पाक का लड़ाकू विमान समझकर IAF की मिसाइल ने उड़ाया खुद का ही विमान, 6 जवान हो गए थे शहीद

Exclusive: हेलिकॉप्टर में 6 जवान और जमीन पर एक नागरिक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर वायु सेना अधिनियम 1950 के सैन्य कानून के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला चलाया जा सकता है.

नई दिल्ली:

27 फरवरी को दुर्घटनाग्रस्त हुए Mi-17 हेलिकॉप्टर मामले में भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) की जांच 20 दिनों में पूरी होगी. सबूतों की पूरी सारणी इसके तुरंत बाद पेश की जाएगी और हेलिकॉप्टर में 6 जवान और जमीन पर एक नागरिक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों पर वायु सेना अधिनियम 1950 के सैन्य कानून के तहत गैर इरादतन हत्या का मामला चलाया जा सकता है. भारतीय वायुसेना के सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, '27 फरवरी को श्रीनगर हवाई अड्डे से एक इजरायल निर्मित स्पाइडर और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल के प्रक्षेपण के परिणाम पर कोई संदेह नहीं था. जांच में समय इसलिए लगा है क्योंकि भारतीय वायुसेना को इस घटना के लिए दोषी ठहराया गया है.' भारतीय वायुसेना के सूत्र ने एनडीटीवी को बताया, 'पूरी घटना 12 सेकेंड के अंदर हुई, Mi हेलिकॉप्टर को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह हमले के दायरे में है.' बता दें कि 27 फरवरी की सुबह 10 से 10.30 के बीच 8 भारतीय वायुसेना के जवान, F-16 के 24 पाकिस्तानी वायुसेना के जवानों को रोकने के लिए गए थे. F-16 ने LoC पार कर लिया था और वह भारतीय सेना पर निशाना साध रहा था.

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पश्चिम में जारी हवाई हमले के बीच कश्मीर में भारतीय वायु सेना अलर्ट पर थी और किसी भी वक्त पाकिस्तानी विमान के आक्रमण का जवाब देने के लिए तैयार थी. इसी समय श्रीनगर एयरपोर्ट पर एयर डिफेंस की रडार ने अपनी स्क्रीन पर कम उड़ान वाला विमान देखा. उस समय टर्मिनल वीपन डायरेक्टर(TWD) के पद पर एक सीनियर अधिकारी थे जो एयर बेस के भी चीफ ऑपरेशन अधिकारी थे. 

हो सकता है कि आईएफएफ ट्रांसपोडर सिस्टम ने कम उड़ान वाले विमान की पहचान ना कर सका हो और अधिकारी ने फायर करने का आदेश दे दिया हो. एयरक्राफ्ट में आईएफएफ सिस्टम को ग्राउंड पर इंटेरोगेशन सिग्नल के लिए प्रयोग किया जाता है जिसके जवाब से एक अलग सिग्नल निकलता है जो बताता है कि यह हमारा दोस्त है, दुश्मन नहीं है. इस सिस्टम को खास तौर पर इसलिए डिजाइन किया गया जिससे युद्ध के दौरान दोस्ताना तौर पर फायरिंग(फ्रेंडली फायर) की घटना ना हो. यह साफ नहीं है कि आईएएफ के हेलिकॉप्टर्स में आईएएफ स्विच ऑफ था और जब इस विमान को गिराया गया, तब यह काम नहीं कर रहा था. 

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सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया, 'कोर्ट ऑफ इनक्वारी में श्रीनगर एयरबेस में वायुसेना के ट्रैफिक कंट्रोल को भी काफी करीब से देखा गया है. एटीएस सभी एयरक्रॉफ्ट के फ्लाइट प्लेन का व्यवस्थित रखता है जो टेक ऑफ होने वाले होते हैं या हो चुके होते हैं. यह साफ नहीं है कि जब टर्मिनल वेपन्स डायरेक्टर ने जांच की और एटीएस के जरिए कहा कि कोई फ्रेंडली एयरक्राफ्ट क्षेत्र में नहीं उड़ रहा था. यह साफ नहीं है कि क्यों Mi-17 हेलिकॉप्टर के कार्यक्रम की जानकारी अधिकारी के पास उपलब्ध नहीं थी. 

कुछ समय के बाद इसे लॉन्च करने का ऑर्डर  स्पाइडर सरफेज टू एयर मिसाइल यूनिट को  पास किया गया. इसे कम और मध्यम दूरी के मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम के तौर पर पेश किया गया. हालांकि सीनियर वायुसेना के अधिकारी ने उन रिपोर्ट को खारिज किया है जिसमें कहा गया है कि कोर्ट ऑफ इनक्वारी Mi17 को गिराने के एक वीडियो पर विचार कर रही है. सूत्रों के मुताबिक इस वीडियो में दिख रहा है कि मिसाइल हेलिकॉप्टर की तरफ जा रही है और यह सबूतों का वह हिस्सा है जिसे पेश किया गया है. वहीं अधिकारी का कहना है, 'ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि कोई कैमरा वहां इस रेंज तक प्रभाव डालने के लिए मौजूद था.'    

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