रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की अध्यक्षता वाली रक्षा ख़रीद परिषद ने बुधवार को 1900 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी है. इस बैठक में रक्षा मंत्री के अलावा रक्षा सचिव व सेना के तीनों अंगो के प्रमुख भी मौजूद थे.
इनमें सबसे महत्वपूर्ण 330 करोड़ की लागत से जम्मू और कश्मीर में लगाया जाने वाला इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम है. यह सिस्टम आतंकियों की घुसपैठ से निपटने में सेना की मदद करेगा.
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम ऐसी प्रणाली है जो दुश्मन के नेटवर्क में घुसपैठ कर सकती है और ज़रूरत पड़ने पर उसको जाम भी कर सकती है. जाहिर है इसके आने से सेना को आतंकवाद से लड़ने में काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा सेना के लिये 405 करोड़ की लागत से एटीजीएम यानी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.
रक्षा खरीद परिषद ने मुंबई में स्कॉर्पीन पनडुब्बी के लिये मुंबई में 725 करोड़ की लागत से रिपेयर सुविधा के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की है. साथ ही पोर्ट ब्लेयर में हथियारों की मरम्मत के लिये 450 करोड़ की लागत से एक केंद्र के निर्माण को भी इजाजत दे दी गई है. हलांकि रक्षा खरीद परिषद के बाद अंतिम फैसला कैबिनेट कमेटी ऑऩ सिक्योरिटी लेती है तब जाकर इन हथियारों की खऱीद सेना के लिए हो पाएगी.
इनमें सबसे महत्वपूर्ण 330 करोड़ की लागत से जम्मू और कश्मीर में लगाया जाने वाला इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम है. यह सिस्टम आतंकियों की घुसपैठ से निपटने में सेना की मदद करेगा.
इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम ऐसी प्रणाली है जो दुश्मन के नेटवर्क में घुसपैठ कर सकती है और ज़रूरत पड़ने पर उसको जाम भी कर सकती है. जाहिर है इसके आने से सेना को आतंकवाद से लड़ने में काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा सेना के लिये 405 करोड़ की लागत से एटीजीएम यानी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है.
रक्षा खरीद परिषद ने मुंबई में स्कॉर्पीन पनडुब्बी के लिये मुंबई में 725 करोड़ की लागत से रिपेयर सुविधा के निर्माण को भी मंजूरी प्रदान की है. साथ ही पोर्ट ब्लेयर में हथियारों की मरम्मत के लिये 450 करोड़ की लागत से एक केंद्र के निर्माण को भी इजाजत दे दी गई है. हलांकि रक्षा खरीद परिषद के बाद अंतिम फैसला कैबिनेट कमेटी ऑऩ सिक्योरिटी लेती है तब जाकर इन हथियारों की खऱीद सेना के लिए हो पाएगी.
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