
कार खरीदना किसी मीडिल क्लास का वो सपना है, जिसे पूरा करने की कोशिश में वो जी-जान से लगे रहते हैं. मेहनत करते रहते हैं. साल 2024 में देश में 43 लाख से ज्यादा कारों की बिक्री हुई. पर्यारवण की बढ़ती चुनौतियों के बीच देश में बीते कुछ सालों से लगातर इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों की डिमांड बढ़ी है. सरकार भी समय-समय पर ईवी कार को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार 25 मार्च को एक बड़ा ऐलान करते हुए बताया कि भारत सरकार ऐसे 35 कैपिटल गुड्स पर कोई इंपोर्ट ड्यूटी नहीं लगाएगी, जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के लिए इस्तेमाल होने वाली ईवी बैटरी के प्रोडक्शन में होता है.
भारत में ईवी बैटरियों का उत्पादन बढ़ाना चाहती है सरकार
संसद में वित्त मंत्री ने फाइनेंस बिल 2025 पेश करते हुए कहा कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने और एक्सपोर्ट क्षमता को मजबूत करने के लिए सरकार कच्चे माल पर आयात शुल्क कम कर रही है. इस कदम को उठाये जाने के पीछे का मकसद बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा की सरकार चाहती है कि भारत में ईवी बैटरियों का उत्पादन बढ़े और देश आत्मनिर्भर बने.
भारत आज के समय में 35 ऐसे कैपिटल गुड्स आयात करता है, जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरियों के निर्माण में किया जाता है. इंपोर्ट ड्यूटी हटाने से भारतीय कंपनियों को उत्पादन में मदद मिलेगी और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ेगी.
सरकार ने ईवी बैटरियों पर इंपोर्ट ड्यूटी हटा दी है
गौरतलब है कि संसदीय समिति की हाल ही में हुई एक बैठक में यह सुझाव दिया गया था कि घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कच्चे माल पर इंपोर्ट ड्यूटी कम की जाए और अब सरकार ने ईवी बैटरियों और मोबाइल बैटरियों पर इंपोर्ट ड्यूटी पूरी तरह से हटा दी है.
इसका सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा, क्योंकि इससे इलेक्ट्रिक कारों की कीमत में कमी आ सकती है और साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल उद्योग को इस फैसले से बूस्ट भी मिलेगा.
ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद से अमेरिका ने 2 अप्रैल 2025 से कई देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है. ट्रंप ने खुद कई बार भारत का नाम लेते हुए कहा कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर बहुत ज्यादा टैक्स लगता है हालांकि अब तक उन्होंने भारत पर किसी भी प्रकार के रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा नहीं की है.
अमेरिका से आने वाली चीजों पर आयात शुल्क कम करने पर विचार
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के पहले चरण में टैरिफ कम करने पर बातचीत करेगी. सरकार अमेरिका से आयात होने वाली 1.9 लाख करोड़ रुपये यानि 23 बिलियन डॉलर की वस्तुओं पर आयात शुल्क कम करने के विकल्प पर विचार कर रही है, ताकि दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलित बना रहे.
ईवी बैटरी पर इंपोर्ट ड्यूटी को हटाने के सरकार के इस फैसले के बाद प्रमुख कार कंपनियां जल्द ही अलग-अलग सेगमेंट में सस्ते में ही फैमिली इलेक्ट्रिक कार लॉन्च कर अपना कारोबार आगे बढ़ाने में लगेगी.
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