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This Article is From Mar 18, 2024

"चुनावी बॉन्ड साल का सबसे बड़ा घोटाला" : भूपेश बघेल के आरोप पर केंद्रीय मंत्री ने किया पलटवार

योजना के बचाव में उतरते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि विपक्ष चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर बीजेपी पर निराधार आरोप लगा रहा है.

"चुनावी बॉन्ड साल का सबसे बड़ा घोटाला" : भूपेश बघेल के आरोप पर केंद्रीय मंत्री ने किया पलटवार
चुनावी बॉन्ड योजना को भूपेश बघेल ने साल का सबसे बड़ा घोटाला बताया है.
नई दिल्ली:

चुनाव आयोग (ईसी) द्वारा लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) की तारीखों को अधिसूचित करने के एक दिन बाद, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने अब रद्द हो चुकी चुनावी बॉन्ड योजना को "वर्ष का सबसे बड़ा घोटाला" बताया है. संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "यह इस साल का सबसे बड़ा घोटाला है. बीजेपी को एहसास हो गया था कि वो लोकसभा चुनाव हार रही है और इस वजह से वो विपक्ष के खिलाफ नए हथकंडे अपना रही है." 

केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष को दिया करारा जवाब

हालांकि, योजना के बचाव में उतरते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि विपक्ष चुनावी बॉन्ड योजना को लेकर बीजेपी पर निराधार आरोप लगा रहा है. उन्होंने कहा, "चुनावी बॉन्ड योजना के तहत 20,000 करोड़ रुपये की फंडिंग मिलने पर विपक्ष बीजेपी के खिलाफ अफवाह फैला रहा है." 

बॉन्ड, पार्टियों के लेन-देन विवरण को बैलेंस शीट में रखना बाध्य बनाता है

उन्होंने कहा, "टीएमसी जो एक राज्य की पार्टी है ने इस योजना के तहत 1,600 करोड़, कांग्रेस ने 1,400 करोड़ और बीआरएस ने 1,200 करोड़ रुपये प्राप्त किए हैं. एक चुनावी बॉन्ड धन प्राप्त करने वाले सभी राजनीतिक दलों के लिए सभी लेन-देन संबंधी विवरण अपनी पुस्तकों या फिर बैलेंस शीट पर रखना बाध्य करता है. हालांकि, इन सब से पहले पार्टियां अपने खर्चों को पूरा करने के लिए बॉन्ड को भुना सकती हैं."

पहले सीलबंद लिफाफे में SC में जमाा किया गया था डेटा

कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा, "अब कांग्रेस आरोप लगा रही है कि चुनावी बॉन्ड योजना केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल कर कंपनियों से उगाही करने के लिए शुरू की गई थी. उनके शासनकाल में, ट्रांसफर पोस्टिंग या फिर ठेके सौंपना भी पार्टी फंड के तहत ही सूचीबद्ध था". इससे पहले, चुनाव आयोग ने चुनावी बॉन्ड पर ताजा डेटा सार्वजनिक किया था, जिसे जनता के लिए उपलब्ध कराने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पहले सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में जमा किया गया था. 

चुनाव आयोग ने सार्वजनिक किया चुनावी बॉन्ड संबंधी डेटा

चुनाव आयोग ने अपने एक बयान में कहा, "भारत के चुनाव आयोग ने चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजीटल रूप में प्राप्त डेटा को आज अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है." चुनाव आयोग ने पहले सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में डिटेल जमा की थी और फिर उन्होंने पब्लिक डोमेन में इसे अपलोड किया था. विशेष रूप से, यह जानकारी 12 अप्रैल, 2019 से पहले हुए लेनदेन से संबंधित है. इस डेटा के बाद जारी किए गए चुनावी बॉन्ड का विवरण का खुलासा पिछले हफ्ते चुनाव आयोग द्वारा किया गया था. 

चुनाव आयोग ने अपनी वेबसाइट पर अपलोड किया डेटा

चुनाव आयोग ने कहा, "राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा बिना सीलबंद लिफाफे खोले सुप्रीम कोर्ट में जमा कर दिया गया है. 15 मार्च, 2024 के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में, सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने एक सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ भौतिक प्रतियां वापस कर दी हैं. भारत निर्वाचन आयोग ने चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजीटल रूप में प्राप्त डेटा को आज अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है". 

ताजा जानकारी के मुताबिक, डीएमके को चुनावी बॉन्ड से 656.5 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिसमें 509 करोड़ रुपये लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन फ्यूचर गेमिंग से प्राप्त किए गए. बीजेपी ने कुल मिलाकर 6,986.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए. सत्तारूढ़ दल को सबसे अधिक राशि 2019-20 में 2,555 करोड़ रुपये की मिली थी. कांग्रेस ने चुनावी बांड के जरिए कुल 1,334.35 करोड़ रुपये भुनाए. 

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