हरियाणा चुनावों में 'वोट की चोरी' के राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है. आयोग ने इस आरोप का जवाब में कहा है कि राहुल गांधी के तमाम आरोप निराधार हैं. अगर इन आरोपों में थोड़ी भी सच्चाई थी को राहुल गांधी ने पहले ही इसे उजागर क्यों नहीं किया. चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के इस दावे पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि 25 लाख प्रविष्टियां "फर्जी" थीं और पिछले साल हरियाणा विधानसभा चुनाव "चोरी" किए गए थे.
उन्होंने यह भी सवाल किया कि कांग्रेस के बूथ एजेंटों ने उन मतदाताओं को चिह्नित क्यों नहीं किया जिन्होंने अक्टूबर 2024 में चुनाव में कई वोट डाले थे. चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने कहा कि कई नामों से बचने के लिए संशोधन के दौरान कांग्रेस के बूथ-स्तरीय एजेंटों द्वारा कोई दावा या आपत्ति क्यों नहीं उठाई गई? मतदाता सूची में यदि कोई अनियमितता हो तो उसे उजागर करने के लिए राजनीतिक दलों द्वारा बूथ-स्तरीय एजेंटों या बीएलए को नियुक्त किया जाता है.
चुनाव आयोग ने कहा कि मतदाता सूची के खिलाफ "जीरो अपील" दायर की गई थीं और केवल 22 चुनाव याचिकाएं वर्तमान में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में लंबित थीं.कम से कम 23 चुनाव याचिकाएं दायर की गईं, और एक को बाद में वापस ले लिया गया. आयोग के अधिकारियों ने कहा कि राहुल गांधी ने हरियाणा में राय और होडल विधानसभा सीटों का मुद्दा उठाया है.
आयोग ने कहा कि चूंकि हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए दायर 23 निर्वाचन क्षेत्रों में से दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव याचिकाएं दायर की गई हैं, इसलिए राहुल गांधी को अपने सभी सबूतों का उपयोग करने की सलाह दी जा सकती है.
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