आर्टिफिशिल इंटेलिजेंस (Artificial Intelligence) का इस्तेमाल आज लगभग हर क्षेत्र में किया जा रहा है. इससे लोगों का काम आसान हो रहा है. लेकिन इसका दुरुपयोग भी खूब किया जा रहा है. कई डीप फेक वीडियो इस बात का बड़ा सबूत हैं. चुनाव में एआई (AI Use In Election) के इस्तेमाल को लेकर कोई परेशानी न खड़ी हो, इसीलिए चुनाव आयोग सख्त है. इलेक्शन कमीशन ने चुनाव में एआई के इस्तेमाल को लेकर एडवाइजरी जारी की है. चुनाव आयोग ने राजनीति दलों से चुनाव प्रचार में एआई जनरेटेड कंटेंट के पारदर्शी तरीके से इस्तेमाल की अपील की है.
चुनाव प्रचार में संभलकर करें AI का इस्तेमाल
मुख्य चुनाव आयु्क्त राजीव कुमार ने AI और इसकी डीप फेक की क्षमता के खिलाफ चेतावनी दी है, इससे गलत सूचना को बढ़ावा मिल सकता है. हाल ही में दिल्ली विधानसभा चुनावों के ऐलान के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रशासन को निर्देश दिया कि वह गलत सूचना फैलाने के किसी भी कोशिश को लेकर सतर्क रहे और उन्हें रोकने के लिए तेजी से कार्रवाई करें, खासकर उन जगहों पर जहां चुनावी प्रक्रिया बाधित हो सकती है. उन्होंने राजनीतिक दलों से चुनाव प्रचार में गरिमा और शिष्टाचार बनाए रखने की भी अपील की थी.
AI की मदद से फोटो, वीडियो बनाए तो बताना होगा
चुनाव आयोग ने आज एडवाइजरी जारी कर लेबलिंग और डिस्क्लोजर नोम्स पेश किए गए हैं, जिसके तहत पार्टियां अगर AI जनरेटेड किसी भी फोटो, वीडियो, ऑडियो या अन्य सामग्री का उपयोग करती हैं, चाहे वह “डिजिटल रूप से संवर्धित” हो या फिर सिंथेटिक सामग्री हो, उनको इसके साथ स्पष्ट रूप से बताना होगा कि ये कंटेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है. जहां भी सिंथेटिक कंटेंट का इस्तेमाल होता है, वहां पर राजनीतिक दलों को कैंपेनिंग के दौरान डिस्क्लेमर भी देना होगा.
चुनाव आयोग ने यह एडवाइजरी AI और सोशल मीडिया का जिम्मेदाराना इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए जारी की है. GELS 2024 के दौरान, आयोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग के लिए दिशानिर्देश जारी किए थे.
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