
- मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार की मांगें स्वीकार करने के बाद आमरण अनशन समाप्त किया.
- सरकार ने हैदराबाद गजट को लागू करने के आदेश दिए हैं जिसमें मराठा समुदाय को कुनबी किसान जाति माना गया है.
- उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर दर्ज सभी मामले वापस लेने की घोषणा की है.
मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर चल रहे आमरण अनशन को समाप्त करते हुए आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे पाटिल ने मंगलवार को घोषणा की. उन्होंने महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी प्रमुख मांगों को स्वीकार किए जाने के बाद अनशन तोड़ा. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने हैदराबाद गजट को लागू करने के आदेश दे दिए हैं, जिसमें मराठा समुदाय को कुनबी किसान जाति से संबंधित बताया गया है. यह जाति ओबीसी आरक्षण के अंतर्गत आती है. शिंदे ने यह भी स्पष्ट किया कि आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर दर्ज सभी मामले वापस लिए जाएंगे.
एकनाथ शिंदे ने कहा कि मराठा समाज के सदस्य कुनबी मान्यता के लिए एफिडेविट देंगे, जिसके बाद जांच प्रक्रिया पूरी कर उन्हें कुनबी प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा. अब तक लगभग 10 लाख लोगों को कुनबी सर्टिफिकेट जारी किया जा चुका है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार ने हैदराबाद गजट को लागू करने के आदेश दिए हैं, जिसके तहत मराठा समुदाय को कुनबी किसान जाति के रूप में मान्यता दी जाएगी. कुनबी मान्यता प्राप्त करने के लिए संबंधित व्यक्तियों को एफिडेविट देना होगा, जिसके बाद गृह विभाग द्वारा जांच की जाएगी. जांच पूरी होने के बाद पात्र व्यक्तियों को कुनबी प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा.
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