प्रवर्तन निदेशालय(ED) द्वारा बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल, झारखंड में 20 स्थानों पर तलाशी लेने के बाद सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इन सभी पर सरकारी और डिफेंस की जमीन हड़पने का आरोप है. गिरफ्तार लोगों में अफसर अली, इम्तियाज अहमद, प्रदीप बागची, एमडी सद्दाम हुसैन, तल्हा खान, भानु प्रताप प्रसाद और फैयाज खान हैं. आईएएस अधिकारी (2011 बैच) छवि रंजन के परिसरों पर छापे मारे गए. यह दूसरा मामला है, जब झारखंड कैडर का कोई आईएएस अधिकारी ईडी की जांच के दायरे में आया है. पिछले साल ईडी ने धनशोधन के एक मामले में आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल के खिलाफ छापेमारी करने के बाद गिरफ्तार किया था.
सूत्रों ने बताया कि तीनों राज्यों में कुल 20 ठिकानों पर छापेमारी की गई और झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी छवि रंजन के परिसर पर भी छापे मारे गए. रंजन पहले झारखंड की राजधानी रांची में उपायुक्त के तौर पर पदस्थ थे. कुछ निजी व्यक्तियों और राज्य सरकार के कुछ अन्य अधिकारियों से जुड़े परिसरों की भी तलाशी ली गई. उन्होंने बताया कि यह कार्रवाई धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत की गई और एजेंसी रक्षा भूमि सहित कथित जमीन हड़पने के मामलों की जांच कर रही है.
भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी ने जानना चाहा कि ईडी की ताजा कार्रवाई के बाद झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन क्या कार्रवाई करेंगे. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मरांडी ने कहा, "मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, क्या आप भूमि घोटालेबाज आईएएस छवि रंजन की जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई करेंगे, उन्हें निलंबित करेंगे और मुकदमा चलाएंगे, या आप तब तक इंतजार करेंगे जब तक आप भी इस मामले में फंस नहीं जाते?"
उन्होंने आरोप लगाया कि जांच एजेंसियों के सामने मुंह खोलने और अपनी लूट का राज खोलने के लिए कई सरकारी और गैर सरकारी आरोपी सरकारी गवाह बनने की कतार में हैं.
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