अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के तिहाड़ जेल में इंसुलिन लेने को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. तिहाड़ जेल की रिपोर्ट के आधार पर अधिकारियों ने कहा था केजरीवाल ने पिछले कुछ महीने से इंसुलिन का इंजेक्शन लगवाना बंद कर दिया था और अपनी गिरफ्तराकी के समय वह 'मेटफॉर्मिन' नाम की एक साधारण मधुमेह रोधी गोली का सेवन कर रहे थे. केजरीवाल तेलंगाना के एक निजी चिकित्सक से मधुमेह का उपचार करा रहे हैं.
इस पर आतिशी ने सोमवार को अपनी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "अरविंद केजरीवाल ने अपने डायबिटीज़ स्पेशलिस्ट डॉक्टर के साथ वीडियो कंसल्टेशन की अपील की थी लेकिन इसका ईडी और तिहाड़ प्रशासन ने विरोध किया है. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने भी कहा कि हम अरविंद केजरीवाल की उनके डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग नहीं करने देंगे".
उन्होंने कहा, "ये कहा गया कि एम्स के डॉक्टर से कंसल्ट कराएंगे. लेकिन ED और तिहाड़ प्रशासन ने जब एम्स के डॉक्टर का पक्ष रखा तब तक उन्होंने एम्स के किसी डॉक्टर से अरविंद केजरीवाल की बात नहीं कराई थी. दो दिन पहले तक उन्होंने एम्स में डॉक्टर की रिक्वेस्ट भी नहीं की थी".
आतिशी ने कहा, "कोर्ट में उनकी तरफ से कहा गया कि एम्स के डॉक्टर्स ने डाइट चार्ट बनाया है और इसके आधार पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल के इन्सुलिन का विरोध किया है. लेकिन यह डाइट चार्ट डायबिटीज़ डिपार्टमेंट से नहीं बल्कि साधारण न्यूट्रीशियन से बनवाया गया है. उस डाइट चार्ट पर साइन करने वाली डॉक्टर एम्स की डायटीशियन हैं." उन्होंने कहा, "ED और तिहाड़ प्रशासन कोर्ट को गुमराह कर रहा है, इसका षड्यंत्र किया जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल अपने डॉक्टर से कंसल्ट न कर सकें और उन्हें इन्सुलिन न दिया जा सके."
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