प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इसकी छात्र शाखा कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) से जुड़े 5 लोगों के खिलाफ मनी लांड्रिंग (money laundering) के तहत लखनऊ की कोर्ट में चार्जशीट दायर की है. कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. जिनके खिलाफ चार्जशीट हुई उनमें सीएफआई के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अतिकुर रहमान, सीएफआई के दिल्ली के महासचिव मसूद अहमद, पीएफआई से जुड़े पत्रकार सिद्दिकी कप्पन और पीएफआई के सदस्य मोहम्मद आलम शामिल हैं. इन सभी को मथुरा में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब ये हाथरस में कथित तौर पर सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने के लिए जा रहे थे. इस मामले में ED ने जांच यूपी पुलिस की उस FIR के आधार पर शुरू की जो उसने यूएपीए और साज़िश के तहत दर्ज किया था.
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जांच में यह बात सामने आई है कि ये सभी लोग सीएफई के राष्ट्रीय महासचिव केए रउफ के कहने पर वहां जा रहे थे. उसी के जरिये इन्हें फंड दिया गया था. गौरतलब है कि केए रउफ को 12 दिसंबर 2020 को उस समय गिरफ्तार किया गया जब वो देश छोड़कर भागने की फिराक में था. ईडी की जांच में पता चला कि केए रउफ ने एक साज़िश के तहत गल्फ देशों में बैठे PFI मेम्बर से साठगांठ कर कारोबारी लेनदेन दिखाकर 1.36 करोड़ रुपये मंगाए. इस राशि का प्रयोग एंटी सीएए प्रोटेस्ट, दिल्ली दंगों और हाथरस में हिंसा भड़काने के लिए होना था. बीते सालों में FII के अलग-अलग अकॉउंट में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा आए और लगभग इतना ही पैसा कैश में जमा किया गया. इस पैसे के स्रोत की जांच चल रही है.यह राशि हवाला और दूसरे चैनलों से आई
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