Dungargarh Election Results 2023: जानें, डूंगरगढ़ (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

डूंगरगढ़ विधानसभा सीट पर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 230613 वोटर मौजूद थे, जिनमें से 72376 ने सीपीएम उम्मीदवार गिरधर लाल को वोट देकर जिताया था, जबकि 48480 वोट पा सके कांग्रेस प्रत्याशी मंगल राम 23896 वोटों से चुनाव हार गए थे.

Dungargarh Election Results 2023: जानें, डूंगरगढ़ (राजस्थान) विधानसभा क्षेत्र को

Assembly Elections 2023 के अंतर्गत राजस्थान में 25 नवंबर को एक ही चरण में मतदान होगा, और चुनाव परिणाम (Election Results) 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे.

उत्तर भारत के अहम राज्यों में शुमार होने वाले राजस्थान (Rajasthan Assembly Elections 2023) राज्य के उत्तर क्षेत्र में मौजूद है डूंगरगढ़ जिला, जहां बसा है डूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र, जो अनारक्षित है. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 230613 मतदाता थे, और उन्होंने सीपीएम उम्मीदवार गिरधर लाल को 72376 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार मंगल राम को 48480 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 23896 वोटों से चुनाव हार गए थे.

इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में डूंगरगढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार कृष्णा राम ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 78278 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार मंगलाराम गोदरा को 62076 वोट मिल पाए थे, और वह 16202 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे.

इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में डूंगरगढ़ विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार मंगला राम को कुल 54868 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि निर्दलीय प्रत्याशी कृष्णा राम दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 44250 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 10618 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com

वैसे, गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव 2018, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को राजस्थान में कामयाबी मिली थी, और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पिछड़ गई थी. कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में शुमार होने वाले अशोक गहलोत को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी, और इस समय वह एन्टी-इन्कम्बेन्सी की लहर के बावजूद अपनी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के बूते लगातार दूसरा कार्यकाल हासिल होने की उम्मीद कर रहे हैं. दूसरी ओर, BJP भी गहलोत सरकार के भ्रष्टाचार और लगातार बढ़ते अपराधों के मुद्दों को लेकर ज़ोर-शोर से प्रचार अभियान में जुटी है, और उसे भी पूरी उम्मीद है कि राजस्थान की जनता द्वारा हर पांच साल में सत्ता बदलने की परिपाटी जारी रहेगी, और इस बार उन्हें कामयाबी ज़रूर हासिल होगी.