मुंबई में कुरियर के पैकेटों में बरामद ड्रग
मुंबई:
मुंबई और महाराष्ट्र में ड्रग तस्करों ने अब कैरियर यानी आदमियों के जरिए ड्रग तस्करी के बजाय कुरियर और डाक (पोस्ट ) का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। इस बात का खुलासा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की रिपोर्ट में हुआ है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर कुमार संजय झा के मुताबिक इस साल अब तक 60 से भी अधिक ऐसे लिफाफे और पार्सल पकड़े गए हैं, जिनमें ड्रग भर कर विदेश भेजे जा रहे थे। कुमार संजय झा के मुताबिक उन्होंने कुरियर वालों को तो पार्सल लेने के पहले पूरी जांच करने और शक होने पर सूचित करने की हिदायत पहले से दे रखी है। अब डाक विभाग को भी सावधानी बरतने और भेजने वाले की पूरी जानकारी लेकर रखने की हिदायत दी जा रही है।
एनसीबी के मुताबिक ज्यादातर ड्रग छोटे - छोटे पार्सल और लिफाफों मे भरकर भेजे जा रहे हैं। उनकी संख्या बहुत बड़ी है। सबकी जांच कर पाना मुश्किल है, इसलिए सभी बुकिंग काउंटरों पर सीसीटीवी लगाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा केवायसी ( अपने ग्राहक को पहचानो ) नियम का पालन करने को कहा गया है। इससे कहीं कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो भेजने वाले को पकड़ा जा सकेगा। इस तरह की डाक भेजने वाले अपना झूठा नाम और पता देते हैं।
एनसीबी के मुताबिक मादक पदार्थों के तस्कर हमेशा नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। वे निर्यात किए जाने वाले कपड़ों से लेकर लिपस्टिक तक मे मेफेड्रोन ड्रग छिपाकर भेज रहे हैं। एनसीबी ने पिछले दिनों मुंबई में सक्रिय मेफेड्रोन ड्रग का धंधा करने वाले एक गिरोह को पकड़ा है। इस मामले में शहर के एक नामी सट्टेबाज जयंतीलाल कोठारी की भी गिरफ्तारी हुई है। मामले में कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर 16 किलो मेफेड्रोन जब्त की गई है। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 6 करोड़ है।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर कुमार संजय झा के मुताबिक इस साल अब तक 60 से भी अधिक ऐसे लिफाफे और पार्सल पकड़े गए हैं, जिनमें ड्रग भर कर विदेश भेजे जा रहे थे। कुमार संजय झा के मुताबिक उन्होंने कुरियर वालों को तो पार्सल लेने के पहले पूरी जांच करने और शक होने पर सूचित करने की हिदायत पहले से दे रखी है। अब डाक विभाग को भी सावधानी बरतने और भेजने वाले की पूरी जानकारी लेकर रखने की हिदायत दी जा रही है।
एनसीबी के मुताबिक ज्यादातर ड्रग छोटे - छोटे पार्सल और लिफाफों मे भरकर भेजे जा रहे हैं। उनकी संख्या बहुत बड़ी है। सबकी जांच कर पाना मुश्किल है, इसलिए सभी बुकिंग काउंटरों पर सीसीटीवी लगाने की सलाह दी गई है। इसके अलावा केवायसी ( अपने ग्राहक को पहचानो ) नियम का पालन करने को कहा गया है। इससे कहीं कोई गड़बड़ी पाई जाती है तो भेजने वाले को पकड़ा जा सकेगा। इस तरह की डाक भेजने वाले अपना झूठा नाम और पता देते हैं।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के जोनल डायरेक्टर कुमार संजय झा
एनसीबी के मुताबिक मादक पदार्थों के तस्कर हमेशा नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। वे निर्यात किए जाने वाले कपड़ों से लेकर लिपस्टिक तक मे मेफेड्रोन ड्रग छिपाकर भेज रहे हैं। एनसीबी ने पिछले दिनों मुंबई में सक्रिय मेफेड्रोन ड्रग का धंधा करने वाले एक गिरोह को पकड़ा है। इस मामले में शहर के एक नामी सट्टेबाज जयंतीलाल कोठारी की भी गिरफ्तारी हुई है। मामले में कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर 16 किलो मेफेड्रोन जब्त की गई है। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 6 करोड़ है।
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