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चीन-पाकिस्तान के लिए DRDO लेकर आया 'प्रलय', 500 KM तक है अचूक निशाना 

इस मिसाइल को डीआरडीओ ने भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया है. परीक्षण के दौरान भारतीय सेना और वायुसेना के अधिकारी भी मौजूद थे.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ, सेना, वायुसेना और देश के उद्योग जगत को बधाई दी.

चीन-पाकिस्तान के लिए DRDO लेकर आया 'प्रलय', 500 KM तक है अचूक निशाना 
डीआरडीओ ने प्रलय मिसाइल का किया सफल परीक्षण
  • डीआरडीओ ने ओडिशा तट से एक ही लॉन्चर से दो प्रलय मिसाइलों का सफल और सटीक परीक्षण किया है
  • प्रलय मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी है और सॉलिड फ्यूल पर आधारित है, जो नेविगेशन में अत्यंत सटीक है
  • यह मिसाइल 500 किलोमीटर तक की रेंज में 500 से 1000 किलो वजन के वारहेड ले जाने में सक्षम है
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नई दिल्ली:

देश की रक्षा ताकत को मजबूत करते हुए डीआरडीओ ने ‘प्रलय' मिसाइल का बड़ा और सफल परीक्षण किया है. ओडिशा के तट से एक ही लॉन्चर से कुछ ही सेकंड के अंतर में दो प्रलय मिसाइलें दागी गईं. दोनों मिसाइलों ने अपने तय लक्ष्य को पूरी तरह हासिल किया. यह परीक्षण साल के आखिरी दिन किया गया. मिसाइलों की उड़ान और अंतिम चरण पर चांदीपुर टेस्ट रेंज के रडार और समुद्र में तैनात जहाजों से लगातार नजर रखी गई. बाद में पता चला कि हर सिस्टम ने सही तरह से काम किया.

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प्रलय मिसाइल पूरी तरह स्वदेशी है. यह सॉलिड फ्यूल से चलती है . नेविगेशन की मदद से यह बेहद सटीक निशाना लगाने में सक्षम है. मिसाइल में इनिशयल नेविगेशन सिस्टम के साथ रेडियो प्रीक्वेंसी सीकर भी मौजूद है . इन तकनीक की मदद से मिसाइल अपने रास्ते से नही भटकती है .अपने तय लक्ष्य तक बिल्कुल सही दिशा में पहुंच कर ही दम लेती है.यह अलग-अलग तरह के वारहेड ले जा सकती है. दुश्मन के अहम ठिकानों को निशाना बना सकती है. इस मिसाइल की रेंज 500 किलोमीटर तक है .यह मिसाइल 500 किलो से लेकर 1000 किलो तक का वॉरहेड ले जाने में सक्षम है .इसकी रफ्तार भी बहुत तेज है . दुश्मन जब तक समझ पायेगा तब तक कुछ पलों में सबकुछ बरबाद हो गया होगा . 

इस मिसाइल को डीआरडीओ ने भारतीय कंपनियों के साथ मिलकर तैयार किया है. परीक्षण के दौरान भारतीय सेना और वायुसेना के अधिकारी भी मौजूद थे.रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर डीआरडीओ, सेना, वायुसेना और देश के उद्योग जगत को बधाई दी. उन्होंने कहा कि एक ही लॉन्चर से दो मिसाइलों का सफल परीक्षण सिस्टम की भरोसेमंदी को दिखाता है. वही डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी. कामत ने कहा कि यह सफलता बताती है कि प्रलय मिसाइल अब सेना में शामिल होने के बेहद करीब है.

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इस मिसाइल को हैदराबाद स्थित रिसर्च सेंटर इमारत ने डीआरडीओ की कई प्रयोगशालाओं के सहयोग से विकसित किया है. इसके निर्माण में भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL) और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ भारतीय उद्योग की अहम भूमिका रही. वैसे यह परीक्षण भारत की मिसाइल क्षमता और आत्मनिर्भर रक्षा शक्ति को नई ऊंचाई देता है . इस मिसाइल को खासकर युद्ध के लिये तैयार किया गया है .  सच कहें तो प्रलय मिसाइल बिल्कुल अपने नाम की तरह है जहां पर इसे दागा जाता है वहां पर प्रलय मचा देगा . 

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