हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने बुधवार को कहा कि राज्य में एक सरकारी अस्पताल में दान में मिली करीब 2000 आंखें कूड़ेदान में फेंक दिए जाने की खबरें सामने आने के बाद उसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। विज ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान सचिव प्रदीप कासनी मामले की जांच करेंगे।
पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (पीजीआईएमएस)-रोहतक में दान में मिली करीब 2000 आंखों को रखा गया था उसे हाल ही में कूड़ेदान के हवाले कर दिया गया। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। खबरों में कहा गया था कि आंखें पिछले पांच वर्षो के दौरान देश के चार बड़े चिकित्सा संस्थानों में दान की गई थीं जिन्हें कूड़ेदान में फेंक दिया गया।
जिन अस्पतालों को नेत्रदान के तहत आंखें मिली थीं उनमें नई दिल्ली का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर) चंडीगढ़ और पीजीआईएमएस-रोहतक शामिल हैं।
विज ने कहा, "राज्य सरकार नेत्र दान को प्रोत्साहित करना चाहती है, लेकिन इस तरह की घटनाएं सरकार की सकारात्मक नीतियों की राह रोकती हैं।"
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