नई दिल्ली:
देरी की वजह से तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के एक सांसद को इंडिगो एयरलाइन की उड़ान में चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने विशाखापट्नम हवाई अड्डे पर कथित तौर पर हंगामा किया था. इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं, सभी प्रमुख घरेलू एयरलाइनों ने सांंसद के 'असंयमित आचरण' का हवाला देते हुए उन पर उड़ान प्रतिबंध लगा दिया है.
विवादों में घिरे सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी की ही पार्टी से ताल्लुक रखने वाले नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज कहा कि वह पूरे मामले की जांच करवाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसके न्यायसंगत नतीजे सामने आएं.
गुरूवार को जेसी दिवाकर रेड्डी को इंडिगो की 6ई-608 उड़ान से जाना था. इस उड़ान को सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर विशाखापट्नम से हैदराबाद के लिए रवाना होना था. एयरलाइन के मुताबिक, रेड्डी विमान के उड़ान भरने के नियत समय से 28 मिनट पहले आए. विमानन नियामक द्वारा तय किए गए मानदंडों के मुताबिक, सभी उड़ानों के लिए यह जरूरी है कि वह उड़ान भरने से 45 मिनट पहले चेक इन काउंटरों को बंद कर दें. रेड्डी को सूचना दी गई कि उनकी उड़ान के लिए बोर्डिंग को बंद कर दिया गया है, जिसके बाद उन्होंने ग्राउंड स्टाफ के साथ बहस की और एयरलाइन के काउंटर पर रखे एक प्रिंटर को फेंक दिया. रेड्डी ने पिछले साल उड़ान छूटने के बाद विजयवाड़ा में गन्नावरम हवाई अड्डे पर एयर इंडिया के दफ्तर में भी कथित तौर पर हंगामा किया था. हालांकि सांसद ने अंतत: उसी विमान में यात्रा की, लेकिन घटना के बाद इंडिगो समेत सभी प्रमुख घरेलू एयरलाइनों ने अपनी उड़ानों में उन पर प्रतिबंध लगा दिया.
घटना के एक दिन बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ने शुक्रवार सुबह कहा कि पूरे मामले की जांच होगी. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'हवाईअड्डे पर हुई पूरी घटना की मैं जांच करवाऊंगा ताकि यह पता चल सके कि असल में हुआ क्या था और यह सुनिश्चित करूंगा कि इसके न्यायसंगत नतीजे सामने आएं'.
मंत्री ने उस मीडिया रिपोर्ट को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए मामले में
हस्तक्षेप किया कि रेड्डी को इंडिगो के विमान में सवार होने की इजाजत मिल जाए. मंत्री ने कहा, 'ऐसा कोई दखल नहीं दिया गया था'.
सभी घरेलू विमानन कंपनियों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी उड़ानों में रेड्डी के सफर करने पर रोक लगा दी है. इसी तरह की कार्रवाई इस साल के शुरू में शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ संबंधी मामले में की गई थी. गायकवाड़ मामले के बाद सरकार ने अनुचित व्यवहार करने वाले यात्रियों की राष्टीय 'नो फ्लाई (उड़ान प्रतिबंध) सूची के लिए मसौदा नियम तैयार किए थे और ऐसे लोगों के उड़ान भरने पर तीन महीने से लेकर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था. संभावना है कि इन नियमों को सरकार जल्दी ही अंतिम रूप दे देगी.
इंडिगो, सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया और जेट एयरवेज ने गुरुवार रात रेड्डी के उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की. पूर्णकालिक सेवा विस्तारा और बजट एयरलाइन गो एयर तथा एयर एशिया इंडिया ने अपनी उड़ानों में रेड्डी के सवार होने पर आज रोक लगा दी. विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा, 'विभिन्न मुद्दों पर और रेड्डी की कार्रवाई पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद गो एयर ने फैसला किया है कि वह इस यात्री की ओर से की गई और बुकिंग को स्वीकार नहीं करेगी'. एयर एशिया इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसने भी रेड्डी द्वारा उसके विमानों में यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह साथी घरेलू विमानन कंपनियों द्वारा उड़ान पर लगाए गए प्रतिबंध के फैसले का समर्थन करती है.
(इनपुट भाषा से)
विवादों में घिरे सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी की ही पार्टी से ताल्लुक रखने वाले नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने आज कहा कि वह पूरे मामले की जांच करवाएंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इसके न्यायसंगत नतीजे सामने आएं.
गुरूवार को जेसी दिवाकर रेड्डी को इंडिगो की 6ई-608 उड़ान से जाना था. इस उड़ान को सुबह आठ बजकर 10 मिनट पर विशाखापट्नम से हैदराबाद के लिए रवाना होना था. एयरलाइन के मुताबिक, रेड्डी विमान के उड़ान भरने के नियत समय से 28 मिनट पहले आए. विमानन नियामक द्वारा तय किए गए मानदंडों के मुताबिक, सभी उड़ानों के लिए यह जरूरी है कि वह उड़ान भरने से 45 मिनट पहले चेक इन काउंटरों को बंद कर दें. रेड्डी को सूचना दी गई कि उनकी उड़ान के लिए बोर्डिंग को बंद कर दिया गया है, जिसके बाद उन्होंने ग्राउंड स्टाफ के साथ बहस की और एयरलाइन के काउंटर पर रखे एक प्रिंटर को फेंक दिया. रेड्डी ने पिछले साल उड़ान छूटने के बाद विजयवाड़ा में गन्नावरम हवाई अड्डे पर एयर इंडिया के दफ्तर में भी कथित तौर पर हंगामा किया था. हालांकि सांसद ने अंतत: उसी विमान में यात्रा की, लेकिन घटना के बाद इंडिगो समेत सभी प्रमुख घरेलू एयरलाइनों ने अपनी उड़ानों में उन पर प्रतिबंध लगा दिया.
घटना के एक दिन बाद नागरिक उड्डयन मंत्री ने शुक्रवार सुबह कहा कि पूरे मामले की जांच होगी. उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, 'हवाईअड्डे पर हुई पूरी घटना की मैं जांच करवाऊंगा ताकि यह पता चल सके कि असल में हुआ क्या था और यह सुनिश्चित करूंगा कि इसके न्यायसंगत नतीजे सामने आएं'.
मंत्री ने उस मीडिया रिपोर्ट को भी खारिज किया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने यह सुनिश्चित करने के लिए मामले में
हस्तक्षेप किया कि रेड्डी को इंडिगो के विमान में सवार होने की इजाजत मिल जाए. मंत्री ने कहा, 'ऐसा कोई दखल नहीं दिया गया था'.
सभी घरेलू विमानन कंपनियों ने एकजुटता दिखाते हुए अपनी उड़ानों में रेड्डी के सफर करने पर रोक लगा दी है. इसी तरह की कार्रवाई इस साल के शुरू में शिवसेना सांसद रविंद्र गायकवाड़ संबंधी मामले में की गई थी. गायकवाड़ मामले के बाद सरकार ने अनुचित व्यवहार करने वाले यात्रियों की राष्टीय 'नो फ्लाई (उड़ान प्रतिबंध) सूची के लिए मसौदा नियम तैयार किए थे और ऐसे लोगों के उड़ान भरने पर तीन महीने से लेकर अनिश्चितकाल के लिए प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव रखा था. संभावना है कि इन नियमों को सरकार जल्दी ही अंतिम रूप दे देगी.
इंडिगो, सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया और जेट एयरवेज ने गुरुवार रात रेड्डी के उड़ान भरने पर प्रतिबंध लगाए जाने की घोषणा की. पूर्णकालिक सेवा विस्तारा और बजट एयरलाइन गो एयर तथा एयर एशिया इंडिया ने अपनी उड़ानों में रेड्डी के सवार होने पर आज रोक लगा दी. विमानन कंपनी ने एक बयान में कहा, 'विभिन्न मुद्दों पर और रेड्डी की कार्रवाई पर ध्यानपूर्वक विचार करने के बाद गो एयर ने फैसला किया है कि वह इस यात्री की ओर से की गई और बुकिंग को स्वीकार नहीं करेगी'. एयर एशिया इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसने भी रेड्डी द्वारा उसके विमानों में यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह साथी घरेलू विमानन कंपनियों द्वारा उड़ान पर लगाए गए प्रतिबंध के फैसले का समर्थन करती है.
(इनपुट भाषा से)
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