देशभर में आबारा कुत्तों के काटने की घटनाएं (Dog Bite Cases) थमने का नाम नहीं ले रही हैं. आए दिन इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं. काटने के मामले में आबारा के साथ ही पालतू कुत्ते भी पीछे नहीं हैं. पिछले दिनों दिल्ली-नोएडा की सोसायटी में भी इस तरह के मामले खूब सामने आए थे. कुत्ते के घाटने की घटनाएं न्यूज पेपर्स और टीवी की सुर्खियां बनी रहीं.
तमाम सख्ती के बाद भी देशभर में कुत्ते के काटने की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं. साल 2023 में कुत्ते के काटने ने 30.5 लाख मामले सामने आए और 286 लोगों की मौत (Dog Bite Death) हो गई, ये आंकड़ा सरकार ने मंगलवार को संसद में सामने रखा.संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब के लिखित जवाब में केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने लोकसभा में कहा, आइडीएसपी में मिले आंकड़ों के मुताबिक, साल 2023 में कुत्ते के काटने के 30,43,339 मामले सामने आए.
पिछले साल कुत्तों के काटने के मामले
साल 2023 में कुत्तों के काटने की 30,43,339 घटनाएं.
पिछले साल कुत्तों के काटने से 286 मौतें
46,54,398 रेबीज के टीके लगे
सरकार का राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम जारी
पिछले साल कुत्तों के काटने से 286 लोगों की मौत
कुत्तों के काटने से 286 लोगों की जान चली गई. साल 2023 में कुत्तों के काटने की वजह से 46,54,398 रेबीज के टीके लगाए गए. स्वास्थ्य मंत्रालय देश में रेबीज से बचाव और नियंत्रण के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण कार्यक्रम क्रियान्वित कर रहा है. सिर्फ अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में यह योजना लागू नहीं है.
देशभर में चल रहा रेबीज टीकाकरण कार्यक्रम
मंत्री ललन सिंह ने संसद में कहा, कई स्थानीय निकाय पशु जन्म नियंत्रण कार्यक्रम और रेबीज टीकाकरण लागू कर रहे हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने पशु जन्म नियंत्रण नियम बनाए हैं. केंद्र सरकार पशु रोगों पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार को सहायता धनराशि भी उपलब्ध करा रही है. राज्य सरकारें इस पैसा का इस्तेमाल रेबीज टीकाकरण के लिए भी कर सकती हैं.
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