कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) में रेप और मर्डर की शिकार महिला ट्रेनी डॉक्टर (Doctor Rape-Murder) के माता-पिता ने एनडीटीवी से कहा है कि पुलिस ने जिस तरह मामले को संभाला है, उसे देखकर हमारा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर से भरोसा उठ गया है. उनके पिता ने एनडीटीवी को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा कि सीबीआई कम से कम कोशिश तो कर रही है. साथ ही उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी की डायरी का एक पन्ना सीबीआई को सौंप दिया है, लेकिन इसमें क्या था, यह बताने से उन्होंने इनकार कर दिया.
इस मामले में ममता बनर्जी को लेकर उन्होंने कहा, "शुरुआत में मुझे उन पर पूरा भरोसा था, लेकिन अब नहीं है. वह न्याय मांग रही हैं, लेकिन वह ऐसा किसलिए कह रही हैं? वह इसकी जिम्मेदारी ले सकती हैं, वह कुछ नहीं कर रही हैं."
'न्याय मांगने वालों को बंद करने की कोशिश'
एक फुटबॉल मैच में समर्थकों पर लाठीचार्ज का जिक्र किए बिना उन्होंने कहा, "वे कह रहे हैं कि 'हमें न्याय चाहिए', लेकिन जो आम जनता भी हमें न्याय चाहिए'' के नारे लगाकर यही बात कह रही है, वे उन्हें बंद करने की कोशिश कर रहे हैं."
राज्य के निवासियों के लिए उन्होंने एक सलाह भी दी. उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी की सभी योजनाएं कन्याश्री योजना, लक्ष्मी योजना, यह सभी झूठी हैं. जो भी इन योजनाओं का लाभ उठाना चाहता है, उनका लाभ उठाने से पहले कृपया देख लें कि क्या आपकी लक्ष्मी घर पर सुरक्षित हैं.”
आराम करने सेमिनार कक्ष में गई थी ट्रेनी डॉक्टर
36 घंटे की शिफ्ट के बाद पोस्टग्रेजुएट द्वितीय वर्ष की छात्रा आराम करने के लिए गुरुवार की रात अकेले एक खाली सेमिनार कक्ष में गई थी. अस्पताल में डॉक्टरों के आराम करने के लिए कोई रूम नहीं है. जाहिर तौर पर वह वहां सोने के लिए गई थी. अगली सुबह जब उसका शव मिला तो उस पर चोटों के कई निशान थे और उसने आंशिक कपड़े पहने थे.
इस मामले में मुख्य संदिग्ध संजय रॉय है, जो कोलकाता पुलिस का एक सिविक वॉलेंटियर है. रॉय आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पुलिस चौकी पर तैनात था और उसकी सभी विभागों तक पहुंच थी. उसे सीसीटीवी फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया गया. जिस इमारत में महिला डॉक्टर की हत्या की गई, रॉय को उसमें घुसते देखा गया. उस सीसीटीवी फुटेज में उसके गले में ब्लूटूथ हेडसेट था, जो शव के पास से बरामद हुआ है. यह आरोपी के फोन के साथ भी जुड़ा पाया गया.
संजय रॉय ने तुरंत स्वीकार कर लिया था अपना अपराध
स्थानीय मीडिया ने बताया कि पुलिस के पूछताछ शुरू करने के तुरंत बाद रॉय ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया. रिपोर्ट्स में कहा गया कि उसने लापरवाही से पुलिस से कहा था, "अगर तुम चाहो तो मुझे फांसी दे दो"
यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी बेटी पर हमला करने वाला शख्स अकेला नहीं था, उन्होंने कहा, "हम शुरू से ही ऐसा कह रहे हैं. हमने जिन लोगों से बात की, यहां तक कि एमबीबीएस डॉक्टरों से भी. वह इस बात पर सहमत हैं कि एक व्यक्ति के लिए ऐसा करना संभव नहीं है, जितना उसके साथ किया गया."
'जिन्हें सुरक्षा करनी थी, वे जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे'
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में सबसे दुखद पहलू यह था कि जिन लोगों को उनकी बेटी की सुरक्षा सुनिश्चित करनी थी, वे अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहे.
उन्होंने एनडीटीवी को बताया, "माता-पिता होने के नाते हमें उस वक्त चिंता होती है, जब हमारा बच्चा सड़क पर होता है. उस वक्त नहीं जब वह अपने कार्यस्थल पर पहुंचती है. जैसे हम उसे स्कूल छोड़ते थे. एक बार जब वह गेट के अंदर होती है तो हमें राहत मिलती है." उन्होंने कहा, "अब वह बड़ी हो गई थी. सड़कें समस्या थी, इसलिए हमने उसे एक कार भी दिलवा दी थी."
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