उत्तर प्रदेश के एक सरकारी अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ को निम्न दर्जे का पेसमेकर लगाकर मरीजों का जीवन खतरे में डालने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. डॉक्टर ने कथित तौर पर पेसमेकर की मानक कीमत से नौ गुना अधिक कीमत वसूली और अपने मरीजों को घटिया पेसमेकर लगाए. पुलिस सूत्रों ने बताया कि डॉक्टर द्वारा लगाए गए पेसमेकर से कम से कम 200 लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
उत्तर प्रदेश युनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज, सैफई के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉक्टर समीर सर्राफ को गिरफ्तार किया गया है, उनके खिलाफ बहुत पहले से ऐसी शिकायतें आ रही थी. कुछ दिन पहले एक वकील की पत्नी की कथित तौर पर निम्न श्रेणी का पेसमेकर लगाए जाने के बाद मौत हो गई थी.
डॉ. सर्राफ ने 600 मरीजों में पेसमेकर लगाए और शुरुआती पुलिस जांच से पता चला है कि उनमें से कम से कम 200 घटिया थे.
इटावा निवासी मोहम्मद नसीम ने भी आरोप लगाया था कि डॉ. सर्राफ की लापरवाही के कारण उनकी पत्नी नजमा परवीन की जान चली गई. उन्होंने दावा किया था कि डॉ. सराफ ने इम्प्लांटेबल कार्डियोवर्टर-डिफाइब्रिलेटर (आईसीडी) के लिए 4 लाख रुपये लिए और फिर उसे गलत दिशा में प्रत्यारोपित कर दिया.
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आदेश कुमार ने कराया मामला दर्ज
दिसंबर 2021 में संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आदेश कुमार ने डॉ. सर्राफ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई और पुलिस ने फरवरी 2022 में मामला दर्ज किया. राज्य सरकार द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय जांच समिति द्वारा इस डॉक्टर के खिलाफ लगे आरोप सही पाये जाने के बाद यह गिरफ्तारी की गई.
पुलिस के मुताबिक, “आरोपी चिकित्सक पर मरीजों को निम्न स्तर का पेसमेकर लगाने और उनसे तय कीमत से अधिक कीमत वसूलने का आरोप है. आरोपी ने कई मरीजों को निम्न दर्जे के पेसमेकर लगाए और उनसे अधिक कीमत वसूली. हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं.”
ऐसे ही एक मामले में जांच समिति ने पाया कि डाक्टर समीर ने एक मरीज से 1.85 लाख रुपये लिए जो कि पेसमेकर की तय कीमत 96,844 रुपये के मुकाबले लगभग दोगुनी है.
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