
- सुप्रीम कोर्ट के जज सूर्यकांत ने वकील की जल्द सुनवाई की मांग पर नाराजगी जताई और जजों की परेशानियों को बताया.
- वकील ने अपने मुवक्किल के घर की नीलामी की वजह से मामले की जल्द सुनवाई की अपील की थी.
- सुप्रीम कोर्ट ने अगस्त में नियम बनाया कि सीनियर वकील गैर लिस्टेड मामलों की जल्द सुनवाई नहीं मांग सकेंगे
घर की नीलामी के खिलाफ वकील की जल्द सुनवाई की मांग पर सुप्रीम कोर्ट आज नाराज हो गया. सुप्रीम कोर्ट के जज आज वकील की जल्द सुनवाई की मांग पर नाराज हो गया. वरिष्ठ जज और देश के अगले CJI जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आपको जजों की मुश्किल समझ नहीं आती.क्या आपको पता है हम कितने घंटे सोते हैं? जब तक किसी को फांसी नहीं होने वाली, तब तक केस की सुनवाई उसी दिन नहीं होगी. जस्टिस सूर्यकांत जो नवंबर में भारत के अगले चीफ जस्टिस बनने वाले हैं ने आज एक वकील से कहा कि जब तक किसी को फांसी नहीं होने वाली, कभी भी किसी केस की जल्द सुनवाई नहीं करेंगे.आपको जजों की मुश्किल समझ नहीं आती. क्या आपको पता है हम कितने घंटे सोते हैं?
जस्टिस सूर्यकांत ने यह बात एक वकील से कही, जिसने अपने मुवक्किल के घर की नीलामी आज होने की बात कही और कहा कि अगर मामले की जल्द सुनवाई नहीं हुई तो याचिका का कोई मतलब नहीं रहेगा. इस साल अगस्त में सुप्रीम कोर्ट ने एक नियम बनाया था कि सीनियर वकील उस मामले की जल्द सुनवाई के लिए अनुरोध नहीं कर सकेंगे, जो उस दिन लिस्टेड नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में हर सुबह वकीलों द्वारा जल्द सुनवाई या कोर्ट के आदेश की ज़रूरत वाले मामलों का ज़िक्र करना एक आम बात है. यह रोज़ की सुनवाई शुरू होने से पहले किया जाता है. 6 अगस्त को CJI बीआर गवई ने कहा था कि 11 अगस्त से किसी भी सीनियर वकील को अपने कोर्ट में जल्द सुनवाई के लिए केस का ज़िक्र करने की अनुमति नहीं होगी, ताकि जूनियर वकीलों को यह करने का मौका मिले
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