बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से सोशल मीडिया के माध्यम से महत्वपूर्ण एंटी-वायरल ड्रग रेमडिसिविर के कथित अवैध वितरण के संबंध में विधायक जीशान सिद्दीकी और अभिनेता सोनू सूद की भूमिका की "गंभीरता से जांच" करने का आदेश दिया है.
अदालत की टिप्पणी राज्य सरकार की इस दलील के जवाब में थी कि ट्विटर के माध्यम से विधायक से संपर्क करने वाले जरूरतमंद मरीजों को दवा की आपूर्ति करने के लिए बीडीआर चैरिटेबल ट्रस्ट और उसके ट्रस्टियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है. लेकिन सिद्दीकी के खिलाफ नहीं.
कोविड -19 प्रबंधन पर पिछली सुनवाई में, याचिकाकर्ता निलेश नवलखा के वकील राजेश इनामदार ने बताया था कि सिद्दीकी और सूद को सोशल मीडिया पर किए गए अनुरोधों के बाद लोगों को रेमडिसिविर की आपूर्ति कैसे की गई, जबकि राज्य ने दवा की कमी की शिकायत की थी.
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