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This Article is From Oct 05, 2022

"फेस्टिव सीजन के बाद ऐसा करते तो बेहतर होता" : मास्‍क न पहनने पर जुर्माना हटाने के फैसले पर डॉ. एसके सरीन

डॉ. सरीन ने कहा, कैंसर, कोई ब्लड की बीमारी, डायबिटीज़-मोटापे से पीड़ित और एल्डर लोगों में इम्‍युनिटी कम बनती है. ऐसे लोग मास्क को जरूर लगाएं रखें.

"फेस्टिव सीजन के बाद ऐसा करते तो बेहतर होता" : मास्‍क न पहनने पर जुर्माना हटाने के फैसले पर डॉ. एसके सरीन
डॉ. सरीन ने कहा, बीमारियों से पीड़ि‍त लोग और बुजुर्ग अभी मास्‍क लगाना जारी रखें
नई दिल्‍ली:

कोविड-19 के मामलों में लगातार आ रही कमी के चलते दिल्‍ली सरकार ने मास्‍क न पहनने की स्थिति में लगाया जा रहा जुर्माना हटाने का ऐलान किया है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक में ये फ़ैसला हुआ. डीडीएमए ने अप्रैल में हुई अपनी अंतिम बैठक में सार्वजनिक स्थानों पर मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया था और इसका उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया था. डायरेक्‍टर ऑफ लिवर एंड बिलिएरी साइंसेस (ILBS) के डायरेक्‍टर डॉ. एसके सरीन (Dr SK Sarin)ने इस फैसले और कोविड की स्थिति को लेकर NDTV से लेकर बात की. उन्‍होंने कहा, "मास्क के ऊपर से फाइन हटाया गया है लेकिन एकदम से रेड लाइट से ग्रीन लाइट नहीं की है." फैसले का जिक्र करते हुए उन्‍होंने कहा कि इसमें यह नहीं कहा गया है कि मास्क लगाना जरूरी नहीं है बल्कि मास्क पर फाइन जरूरी नहीं है. इन दोनों में अंतर है. 

डॉ. सरीन ने कहा, "जुर्माना हटाने के फैसले से लोगों में भ्रम आ जाएगा कि अब बीमारी खत्म हो गई हैं, हम कुछ भी कर सकते है. त्यौहारों के सीज़न निकलने के बाद अगर हम थोड़ा लिबरल होते तो थोड़ा बेहतर होता. अभी लगता है कि वायरस नहीं है लेकिन अगर कोई नया वायरस आया तो उसका असर तीन चार महीने बाद पता चलेगा." उन्‍होंने कहा कि चाहे सरकार कुछ भी कहे, हमें अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. जो मरीज हैं, हॉस्पिटल के अंदर जा रहे है या पब्लिक ट्रांसपोर्ट यूज कर रहे हैं, ऐसी जगह पर मास्क जरूर यूज करें. भारत में हर आदमी ने बूस्टर डोज नहीं लगवाई है. जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लगवाई है, वो ध्यान रखे बूस्टर लगवाएं और इम्यूनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) को डेवलप होने दे. कैंसर, कोई ब्लड की बीमारी, डायबिटीज़, मोटापे से पीड़ित और एल्डर लोगों  में इम्‍युनिटी कम बनती है. ऐसे लोग मास्क को जरूर लगाएं रखें. 

डॉक्‍टर सरीन ने कहा कि जिन परिवारों में पहले से ब्लड, डायबिटीज़, या हार्ट की बीमारी रही हो, उनमें युवाओं में हार्ट अटैक होने के चांसेज ज्यादा होते हैं. इनमें फैटी लिवर की समस्या रहती है. ऐसे युवा एहतियात बरतें और अपना चेकअप जरूर कराएं. 80 से 90% लोग जिनको पहले कोविड हुआ हो, उनमें कोविड की inflammation जारी रहती है. अगर आपको एक साल पहले भी कॉविड हुआ है और शरीर में थकान रहती है तो ऐहतियात बरतनी चाहिए. ऐसे व्यक्ति ज्यादा एक्सरसाइज न करें. उन्‍होंने कहा कि पहले 2020 के अंदर मार्च में हम प्लानिंग में 2 हफ्ते में प्रिपेयर हो गए थे, इस बार तो हम 24 घंटे के अंदर तैयार  हो सकते है.स्केल डाउन में कोई बुराई नहीं है. लोगों का माइंडसेट स्केल डाउन नहीं होना चाहिए. दो-तीन महीने ऐहतियात रखें.

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