आगरा के सरकारी स्कूल में टीचर मालती वर्मा क्लास ले रही थीं, तभी उनको फोन आया- मैं फलां पुलिस स्टेशन से बोल रहा हूं, आपकी बेटी 'सेक्स रैकेट' में फंस गई है. अभी उसे हिरासत में लिया गया है, अगर आप 1 लाख रुपये भेज देते हैं, तो उसके खिलाफ कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा. बेटी के सेक्स रैकेट में फंसने की बात सुन मालती वर्मा दहशत में आ गई और हार्ट अटैक से उनकी जान चली गई. हालांकि, मालती की बेटी किसी सेक्स रैकेट में नहीं फंसी थी. कुछ लोग मालती वर्मा को 'डिजिटल अरेस्ट' करने की कोशिश कर रहे थे, जिसका नतीजा ये हुआ.
आज के डिजिटल युग में, जहां तकनीकी प्रगति ने हमारे जीवन को सरल और सहज बनाया है, वहीं साइबर अपराधों की संख्या में भी बेतहाशा वृद्धि हो रही है. ऐसे ही एक नए प्रकार के फ्रॉड का नाम सामने आया है- 'डिजिटल अरेस्ट'. यह नाम सुनते ही ऐसा लगता है कि शायद यह कोई तकनीकी या कानूनी मामला है, लेकिन असल में यह ठगी का एक नया तरीका बन गया है, जिसमें निर्दोष लोगों को फंसाया जा रहा है. आगरा में इसी 'डिजिटल अरेस्ट' की वजह से एक महिला शिक्षक की हार्ट अटैक से मौत हो गयी.
पुलिस यूनिफार्म में फोटो और सेक्स रैकेट में फंसने...
आगरा के थाना जगदीश पूरा सुभाष नगर अलबतिया की रहने वालीं 58 साल की मालती वर्मा अछनेरा के राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल में शिक्षिका थीं. उनके परिवार में सरकारी जॉब से रिटायर्ड पति हैं. एक बेटा है, जिसकी शादी हो चुकी है. दो बेटियां हैं, जो पढ़ाई कर रही हैं. 30 सितंबर को जब वो स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही थीं, तो उसी दौरान उनके मोबाइल पर एक व्हाट्सएप कॉल आया. जिस नंबर से कॉल आया, उस पर पुलिस की वर्दी में फोटो लगा था. उधर से आवाज आई कि आपकी बेटी को सेक्स रैकेट में पकड़ा गया है. अभी आप इस नंबर पर ऑनलाइन एक लाख रुपये भेज दोगे, तो आपकी बेटी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी, उसको यहीं से छोड़ दिया जाएगा.
डिजिटल अरेस्ट ने ली एक मां की जान
इतना सुनते ही मालती वर्मा के होश उड़ गए... वह डिप्रेशन में आ गईं और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. ऐसा कॉल एक बार नहीं, कई बार उनके पास आया, जिसकी वजह से वह डिजिटल अरेस्ट हो गईं. बेटी के सेक्स रैकेट में पकड़े जाने की खबर से वो खुद को संभाल नहीं पाईं. इसके बाद उन्होंने अपने बेटे को सारी कहानी बताई, तो बेटे ने बहन से बात की, जो आगरा के कॉलेज में बी. फार्मा कर रही है. बहन ने कहा कि वह तो कॉलेज में है, बेटे ने अपनी मां को कॉल किया और कहा कि घबराओ मत यह फर्जी कॉल था. बहन कॉलेज में पढ़ रही है, लेकिन मालती वर्मा दहशत में आ गई और वह उस घटना से उबर नहीं पाईं. उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी. वह किसी तरह घर पहुंचीं. घर पर भी वह खुद को संभाल नहीं पाई और सीने में दर्द की शिकायत बताने लगीं. ऐसे में परिवार के लोग उन्हें तुरंत आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत्यु घोषित कर दिया. इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया.
ऐसे ठगों के डिजिटल जाल में फंसने से बचें
डिजिटल अरेस्ट से शिक्षिका की हार्ट अटैक से मौत की खबर, जब पुलिस को हुई, तो पुलिस उनके घर पहुंची और छानबीन की. सारी जानकारियां जताने के बाद पुलिस मालती वर्मा के मोबाइल पर आई कॉल्स की जांच कर रही है. परिवार के लोगों के प्राप्त जानकारी पर मुकदमा दर्ज करने की तैयारी की जा रही है. आगरा लोहा मंडी के एसीपी मयंक तिवारी कहते हैं, 'डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लगातार हो रही इस तरह की घटनाओ में बढ़ोतरी हो रहीं है. केवल जागरूकता और सतर्कता से ही इस तरह की घटनाओ से निपटा जा सकता है. ऐसे ठगों के नए-नए तरीकों से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए हमें डिजिटल दुनिया में सतर्क रहना होगा. याद रखें, ठगी की हर योजना तभी सफल होती है, जब हम उसमें फंसते हैं. इसलिए, हर तरह की संदिग्ध गतिविधियों से बचें और डिजिटल सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बनाएं. साइबर अपराधों से लड़ाई में आपकी सतर्कता ही आपका सबसे बड़ा हथियार है.'
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