अहमदाबाद:
मल्लिका साराभाई के खुलासों से खुद को दूर करते हुए प्रदेश के पूर्व खुफिया ब्यूरो प्रमुख आर बी श्रीकुमार ने आज कहा कि साराभाई ने मीडिया को जिस हलफनामे की प्रति सौंपी है वह उनकी नहीं है। उन्होंने कहा, बांटी जा रही हलफनामे की प्रति मेरी नहीं है। मल्लिका साराभाई ने मीडिया को इसके जो तथ्य बताये हैं वे कुछ हद तक सही नहीं हो सकते। मैंने नानावटी आयोग को 10 पन्नों का हलफनामा जमा किया है जिसके साथ तीन अनुलग्नक हैं और इसे 63 पन्नों का दस्तावेज बनाते हैं। साराभाई द्वारा मीडियाकर्मियों को दी गयी दस्तावेज की प्रति की सत्यता को चुनौती देते हुए श्रीकुमार ने कहा, क्या मीडिया को बांटी गयी तथाकथित हलफनामे की प्रति नानावटी आयोग से ली गयी सत्यापित प्रति है। उन्होंने कहा, कहानी का सार यह है कि गुजरात के मुख्यमंत्री ने एक बैठक बुलाई थी और मुझसे 10 लाख रुपये संजीव भट्ट को देने को कहा था, इसलिए मैंने उन्हें धन दे दिया। श्रीकुमार ने कहा, मुख्यमंत्री और संजीव भट्ट सीधे संपर्क में थे इसलिए मुझे नहीं पता था कि क्या हुआ। इससे पहले साराभाई ने आज गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया था कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगों पर उच्चतम न्यायालय में दाखिल उनकी एक जनहित याचिका पर कार्यवाही बाधित करने के लिए मोदी ने उनके वकीलों को रिश्वत देने के लिए सरकारी धन का इस्तेमाल किया। साराभाई ने मीडिया को एक हलफनामे की प्रति मुहैया कराते हुए दावा किया था कि यह श्रीकुमार ने दंगों की जांच कर रहे जी टी नानावटी तथा अक्षय मेहता आयोग को हाल ही में सौंपा था।
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